
कोलकाता, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा मज़बूत करने के लिए प्रस्तावित सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर अब अदालत की निगाह है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मांगे गए 68 लाख रुपये की स्वीकृति पर उसका क्या निर्णय है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस बारे में अपनी स्थिति अगले 15 दिनों के भीतर स्पष्ट करे।
मंगलवार को न्यायमूर्ति सुजय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास दे की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। साथ ही, हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय को भी निर्देश दिया कि वह अदालत में सुरक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी पेश करे और बताए कि परिसर के किन-किन स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। अदालत ने यह भी सुझाव दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया में विशेषज्ञों की राय ली जाए।
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल ने इस मामले में पक्षकार बनने की अर्जी दी। हालांकि, अदालत की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि भविष्य में इन केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले में शामिल किया जाएगा या नहीं।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता की ओर से पहले ही मांग की गई थी कि परिसर में सीसीटीवी लगाए जाएं और सुरक्षा के लिए कोलकाता पुलिस की सशस्त्र टुकड़ी को तैनात किया जाए। ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों के शामिल होने की कोशिश ने कानूनी हलकों में अटकलें तेज़ कर दी हैं।
पिछले अप्रैल से जादवपुर विश्वविद्यालय में कोई स्थायी कुलपति नहीं है। इसी वर्ष जून में हाई कोर्ट ने कार्यकारी परिषद को सुरक्षा-सम्बंधी मुद्दों पर बैठक करने की अनुमति दी थी। उसी के तहत हाल ही में हुई बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में समग्र सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने पर चर्चा की और 68 लाख रुपये का बजट तय किया। मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
