
जयपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजस्व व अपीलीय राजस्व न्यायालयों में पिछले कई दशकों से लंबित चल रहे केसों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह इनका प्रभावी सुशासन सुनिश्चित करे और अपेक्षा है कि वह इन न्यायालयों में लंबित मुकदमों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करे। अदालत ने कहा कि पुराने मामलों को प्राथमिकता न दिए जाने के कारण, मूल वादी के जीवनकाल से परे, निर्णयों में देरी हो रही है। अक्सर ये मामले कई पीढ़ियों तक चलते हैं। अदालत ने इन न्यायालयाें के संबंधित नियमों में संशोधन पर विचार करने के लिए कहा है।
अदालत ने कहा कि राजस्व व अपीलीय राजस्व न्यायालयों में अफसराें की नियुक्ति के लिए व्यापक परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, ताकि राजस्व और प्रक्रियात्मक कानूनों में उनकी कानूनी कुशलता की जाँच और परीक्षण किया जा सके। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह निर्देश शक्ति सिंह व अन्य की याचिका पर दिया।
अदालत ने कहा कि इन न्यायालयों के संचालन के लिए एक एसओपी तैयार कर उसे लागू करना चाहिए, ताकि इन न्यायालयों में लंबित केसों का निस्तारण हो सके। पुराने लंबित केसों को प्राथमिकता के आधार पर तय करें, इसे अफसरों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में भी उल्लेख किया जाए। अदालत ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में लंबित राजस्व मुकदमों और विविध आवेदनों के लंबित मामलों और राजस्व अपीलीय न्यायालयों में लंबित पुरानी अपीलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
—————
(Udaipur Kiran)
