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भागीरथी ईको सेंसटिव जोन में अवैध निर्माण मामले में उच्च न्यायालय ने मांगी रिपाेर्ट

नैनीताल, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय में गोमुख से उत्तरकाशी तक भागीरथी ईको सेंसटिव जोन में बने अवैध होटल और रिसॉर्ट को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में काेर्ट ने

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी सहित अन्य संबं​धित अधिकारियों को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं।

शुक्रवार काे मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर एवं न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ के समक्ष जिले में नदी के किनारे एनजीटी के आदेशों के विपरीत बने अवैध होटल और रिसॉर्ट को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने जिला प्रशासन से पूछा है कि एनजीटी की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन किया गया या नहीं, इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। काेर्ट ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी सहित अन्य संबं​धित अधिकारियों को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं।

मामले के अनुसार हिमालयन नागरिक दृष्टी मंच ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी तक नदी किनारे अवैध निर्माण हुआ है और हो रहा। यह मानकों के खिलाफ है, जिससे उत्तरकाशी में बार-बार आपदा आ रही है। याचिका में इन इलाकों में निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि नेचर लवर को लुभाने के लिए नदी के किनारे वह हिमालय व्यू को दिखाने के लिए ग्लेशियर के आसपास सरकार द्वारा कैंप होटल रिजॉर्ट बनाने की अनुमति बिना सर्वे के दी जा रही है। इस पर कोर्ट ने फिर से राज्य सरकार से एक पूर्ण सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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