West Bengal

स्कूल जॉब घोटाला : दागी उम्मीदवारों को नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने से हाईकोर्ट का इंकार

कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाता, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक अहम आदेश में उन ‘दागी और अयोग्य’ अभ्यर्थियों की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने राज्य में शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने साफ किया कि ऐसे अभ्यर्थियों को किसी भी हाल में नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) ने 1,806 अभ्यर्थियों की सूची जारी की थी, जिन्हें ‘दागी’ करार दिया गया था। इन पर आरोप है कि उन्होंने नकद भुगतान के बदले नौकरी हासिल की थी। इस सूची के प्रकाशन के बाद ही कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायमूर्ति सौंगत भट्टाचार्य की एकल पीठ के समक्ष याचिका दायर कर पुनः परीक्षा में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि यह हस्तक्षेप करने का उपयुक्त मामला नहीं है और सवाल उठाया था कि इतने दिनों तक ये ‘दागी’ उम्मीदवार कहां थे।

इसके बाद वही अभ्यर्थी न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीतोब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ के पास पहुंचे और एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने दलील दी कि ‘दागी’ और ‘निर्दोष’ उम्मीदवारों को अलग करने में कुछ त्रुटियां हुई हैं।

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि यदि ऐसी त्रुटियां हुई हैं तो संबंधित एसएससी अधिकारियों को कैसे पद पर बने रहने दिया गया। लेकिन अंततः अदालत ने याचिका खारिज कर दी और एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय पहले ही स्पष्ट निर्देश दे चुका है, ऐसे में किसी अन्य अदालत के पास और विचार करने की कोई गुंजाइश नहीं बचती।————————

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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