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जब्त आभूषणों के नुकसान पर हाईकोर्ट ने मुआवजे के भुगतान का दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

प्रयागराज, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आयकर अधिकारियों को मुकदमे की कार्यवाही में जब्त गहने बैंक द्वारा खो दिए जाने पर याची को उसका मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि गहने आयकर अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए थे। इसलिए गहनों का नुकसान आयकर अधिकारियों का नुकसान माना जाएगा और इसके अनुसार उक्त गहनों का भुगतान आयकर अधिकारियों द्वारा ही किया जाना है।

यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ एवं न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने संजय कुमार जैन की याचिका पर दिया है। याची ने 94,64,844 रुपये के मुआवजे के साथ नौ प्रतिशत ब्याज और अधिकारियों की लापरवाही व मनमानी के कारण हुई मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न एवं वित्तीय कठिनाई के लिए अतिरिक्त क्षतिपूर्ति की मांग की थी।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि तथ्यों से स्पष्ट है कि आयकर अधिकारी पूरी प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। जब याची ने 41,52,146 रुपये की तय राशि पर सहमति व्यक्त की थी, तभी 2023 में यह रकम याची को लौटा दी जानी चाहिए थी। याची को जब्त किए गए गहने के संबंध में कोई पैसा नहीं मिला है, जिसे बैंक ने खो दिया है।

कोर्ट ने कहा कि आयकर अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि गत 30 जुलाई को याची द्वारा किए गए मूल्यांकन की जांच करें और उक्त मूल्यांकन के सत्यापन पर चार सप्ताह के भीतर उक्त राशि का भुगतान करें। याची को उक्त अवधि के भीतर राशि का भुगतान न होने पर आयकर अधिकारी गहनों के जब्ती की तारीख से गहनों के मूल्यांकन पर 12 प्रतिशत का दंडात्मक ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

कोर्ट ने यह भी कहा कि आयकर अधिकारी कानून के अनुसार प्रतिवादी बैंक से राशि की वसूली करने के लिए स्वतंत्र हैं। याचिका निस्तारित करते हुए खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि याची के दावे को सुरक्षित करने के लिए मुआवजे का भुगतान निर्धारित समय के भीतर किया जाना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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