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विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े एसीबी प्रकरण में एफआर के आधार पर हाईकोर्ट ने केस किया बंद

हाईकाेर्ट

जयपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े एसीबी प्रकरण में एसीबी की ओर से पेश एफआर के आधार पर केस को बंद कर दिया है। जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश भरत मालानी व अशोक सिंह की आपराधिक याचिका का निस्तारण करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि एसीबी ने स्वयं ही प्रकरण में अपराध बनना प्रमाणित नहीं मानते हुए एफआर पेश की है। ऐसे में एफआईआर को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पांच साल पहले पेश याचिका में एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा और अधिवक्ता कपिल गुप्ता का कहना था कि प्रकरण में पहले एसओजी में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया और फिर उसमें एफआर लगाते हुए प्रकरण को एसीबी में भेज दिया गया। प्रकरण केवल फोन रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज किया गया है। याचिकाकर्ताओं की फोन रिकॉर्डिंग से साबित है कि वे सिर्फ सामान्य गपशप ही कर रहे थे। विधायकों की खरीद-फरोख्त करने जैसी कोई बात रिकॉर्डिंग में नहीं है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि मामले में एसीबी ने अदालत में एफआर पेश कर दी है। ऐसे में प्रकरण को निस्तारित किया जाए।

गौरतलब है कि एसीबी ने मामला दर्ज किया था कि याचिकाकर्ताओं ने अन्य के सहयोग से राजस्थान विधानसभा के चुने हुए वर्तमान विधायकों को रुपए का लालच देकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने और हाल ही के राज्यसभा चुनाव के मतदान में इन विधायकों को अपने मत का प्रयोग रुपए देकर अनुचित तरीके से प्रभावित करने का आपराधिक कृत्य किया है। वहीं बाद में एसीबी ने विस्तृत जांच में बाद यह कहते हुए एफआर पेश कर दी थी कि आरोपियों के खिलाफ प्रकरण में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं।

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(Udaipur Kiran)

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