HEADLINES

गलत तरीके से जारी अनुदान की बिना आदेश वसूली, हाईकोर्ट ने कार्रवाई को किया रद्द

कोर्ट

जयपुर, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने लघु उद्योग इकाई को गलत तरीके से जारी अनुदान को वापस लेने के लिए बिना आदेश की जा रही वसूली की कार्रवाई को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में पुन: जिला उद्योग केन्द्र के जीएम को भेजते हुए विधि अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। जस्टिस अवनीश झिंगन की एकलपीठ ने यह आदेश इंडिया इमेज की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि यह सुस्थापित कानून है कि अर्ध न्यायिक अधिकारी को तर्कपूर्ण आदेश पारित करना होता है, लेकिन मामले में अनुदान वापस लेने का कोई आदेश पारित किए बिना ही वसूली कार्रवाई शुरू कर दी गई। याचिका में अधिवक्ता जय शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 1990 में अनुदान के लिए आवेदन किया था। जिला स्तरीय कमेटी ने 29 सितंबर, 1997 को 10.83 लाख रुपए की अनुदान राशि स्वीकृत कर दी और बाद में याचिकाकर्ता को इस राशि का अनुदान मिल गया। याचिका में बताया गया कि 11 मार्च, 1999 को जिला उद्योग केन्द्र के जीएम ने याचिकाकर्ता को पत्र भेजकर कहा कि उसे अनुदान राशि गलत जारी हो गई है और वह ब्याज सहित राशि लौटाए। इस पत्र का याचिकाकर्ता की ओर से जवाब दे दिया गया। वहीं वर्ष 2003 में याचिकाकर्ता को फिर से पत्र भेजकर कहा गया कि वह तीन माह में राशि लौटाए। ऐसा नहीं करने पर भू राजस्व अधिनियम के तहत वसूली की बात कही गई। वहीं 25 अप्रैल, 2025 को भू राजस्व अधिनियम के तहत उसे वसूली नोटिस देकर रिकवरी की प्रक्रिया शुरु कर दी। जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि रिकवरी की यह कार्रवाई सिर्फ ऑडिट आपत्ति के कारण आरंभ की गई है और अनुदान वापस लेने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया गया। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से दिए जवाब पर कोई विचार नहीं किया गया। इसलिए वसूली की कार्रवाई को रद्द किया जाए।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top