
प्रयागराज, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र का कहना है कि कम्प्यूटर की प्रथा जूनियर अधिवक्ताओं के लिए ठीक नहीं है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप जिस मुकदमे को हाथ से लिखकर टाइप कराते हैं तो मेरा मानना है कि उस मुकदमे के बिन्दु आजीवन याद रहेगें।
उन्होंने यह भी कहा कि जूनियर अधिवक्ता चैम्बर अवश्य जाएं। चैम्बर के लिए समय नहीं है तो न्याय कक्षों में पीछे बैठकर मुकदमे की बहस अवश्य सुनें और बिना तैयारी के किसी भी मुकदमे में बहस न करें। इस अवसर पर न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने भी कहा कि कनिष्ठ अधिवक्ताओं को मुकदमे की ड्राफ्टिंग हाथ से लिखकर करनी चाहिए। लाइब्रेरी हाल में आयोजित समारोह के प्रारंभ में एल्डर्स कमेटी सदस्य वीके सिंह व वीपी श्रीवास्तव, मुख्य चुनाव अधिकारी आरके ओझा, चुनाव अधिकारी अनिल भूषण, वशिष्ठ तिवारी व महेन्द्र बहादुर सिंह ने न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी का माल्यार्पण अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत व अभिनंदन किया।
एल्डर्स कमेटी के सदस्य वीके सिंह व वीपी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी, न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा, न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला एवं न्यायमूर्ति अजय भनोट विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन चुनाव अधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने किया। अंत में मुख्य चुनाव अधिकारी राधाकांत ओझा ने आभार व्यक्त किया।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
