Uttrakhand

हेमलता के. ने संभाला कुलपति का पदभार

पदभार संभालने के दौरान

हरिद्वार, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति प्रो. हेमलता के. के पहुंचने पर कर्मचारियों ने ढ़ोल नगाड़ों के बीच उनका अभिनन्दन किया।

विगत 60 दिनों से चल रहे धरना स्थल पर पहुंच कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए प्रो. हेमलता के. ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय का श्रेय आप सभी कर्मचारियों को जाता है, जो लगातार बिना रूके तेज बरसात व अवकाश व त्योहारों के दिन भी लगातार अपने संघर्ष को जारी रखे रहे। उन्होंने कहा कि आप सभी का स्वप्न जल्द ही पूरा होगा। गुरुकुल कांगड़ी शीघ्र ही भारत सरकार के अधीन हो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में संचालित होगा।

उन्होंने कहा कि हम सभी को विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्तर पर ले जाने के लिए पहले की तरह मिलकर कार्य करने होंगे। हम सभी का लक्ष्य विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में विश्व पटल पर स्थापित कर स्वामी श्रद्धानन्द महाराज के स्वप्नों को पूरा करना है। इस दिशा में सभी कर्मचारियों व शिक्षकों के सहयोग से हमें इस दिशा में अग्रसर होना है।

यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज व महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने कहा कि कुछ तथाकथित लोगों द्वारा अपनी महत्वकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार के नियमों को दरकिनार करते हुए कुलपति प्रो. हेमलता के. के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। जिसके विरोध में कर्मचारियों द्वारा भारतीय न्याय व्यवस्था व भारत सरकार के नियमों में पूर्ण विश्वास रखते हुए शांतिपूर्ण ढ़ंग से अपने आन्दोलन को गति देने का कार्य किया जिसके चलते विगत दिवस उच्च न्यायालय, नैनीताल ने विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए प्रो. हेमलता के. को पुनः पूर्णकालिक कुलपति नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया सम्पन्न होने तक गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय का कुलपति वैद्य ठहराया है।

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों को चिन्हित करना होगा जिन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण व प्रशासनिक वातावरण को दूषित कर विश्वविद्यालय परिसर का वातावरण बिगाड़ने का प्रयास किया। उन्होंने सभी कर्मचारियों को न्यायालय के इस निर्णय के लिए बधाई देते हुए कहा कि आप सभी बधाई व साधुवाद के पात्र हैं। हमारा यह संघर्ष आगे यूजीसी अधिनियम 2023 लागू होने तक जारी रहेगा, फिलहाल हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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