
रांची, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार जमींदारी और महाजनी प्रथा के तहत संघर्ष और रिकवरी की गई जमीनों पर जोत-कोड़ कर रहे किसानों को राजस्व पट्टा देगी। उन्होंने कहा कि यह झामुमो का पुराना संकल्प है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार इसे लागू करने जा रही है।
सुप्रियो ने बुधवार को मोर्चा के कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि गुरूजी के नेतृत्व में चले आंदोलनों का असली सम्मान तभी होगा जब गरीब और किसान जमीन के मालिक बनेंगे।
भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार खेती और वनभूमि दोनों का पट्टा देने के साथ-साथ वन उपज में भी आदिवासी-मूलवासियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगी। यह कदम गुरूजी की प्रतिबद्धता को साकार करेगा और यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बिहार में महागठबंधन का हिस्सा रहेगा झामुमो
उन्होंने कहा कि नेमरा से निकलकर गुरूजी ने गरीबों-मजदूरों की आवाज को देशव्यापी बनाया था और झामुमो उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि झामुमो महागठबंधन का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ेगी। सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला महागठबंधन के नेतृत्व को लेना है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वामदल शामिल हैं।
उन्होंने झामुमो के ऐतिहासिक आंदोलनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कोयलकारो परियोजना और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को बंद कराना जनता की जीत का उदाहरण है। भट्टाचार्य ने कहा कि मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में विस्थापन-पुनर्वास आयोग की नियमावली को मंजूरी देने और तीन अकादमियों (ललित कला, साहित्य और संगीत नाटक) के गठन का फैसला लिया गया है, जिसे करम पर्व की पूर्व संध्या पर जनता के लिए तोहफा कहा जा सकता है।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
