
रांची, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सह इंटक के राष्ट्रीय संगठन सचिव लीलाधर सिंह ने कहा कि एचईसी की वित्तीय स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। जुलाई माह में उत्पादन शून्य रहा, जबकि अगस्त में मात्र पौने छह करोड़ रुपए का उत्पादन हुआ।
एचईसी में हुए बार-बार हडताल के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। लीलाधर शुक्रवार को यूनियन की धुर्वा में आयोजित कार्यकारिणी बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बैंक खातों के फ्रीज़ होने और केंद्र और राज्य सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिलने की वजह से एचईसी अब और हड़ताल बर्दाश्त नहीं कर सकता है। उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर निरंतर उत्पादन ही एचईसी और कामगारों को बचा सकता है। लेकिन प्रयास है कि कर्मियों को नवरात्र में वेतन भुगतान हो जाए।
सिंह ने कहा कि एचईसी में हुई बार-बार हुई हड़तालों ने एचईसी की कमर तोड़ दी है। तीन माह पूर्व जब औद्योगिक उत्पादन धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा था तभी ठेका कामगारों की डेढ़ माह लंबी हड़ताल ने स्थिति और भी बिगाड़कर रख दिया। इस तथाकथित जीत से न तो कामगारों को लाभ हुआ और न ही कंपनी को लाभ पहुंचा। बल्कि केवल कुछ नेताओं के अहम की तुष्टि हुई। उन्होंने अपील किया कि ठेका कामगार प्रबंधन की ओर से उपलब्ध कराए गए फार्म भरकर जमा करें। ताकि उनका वेतनमान तैयार हो सके। जिन कामगारों ने फार्म जमा किया और उपस्थित रहने के बावजूद वेतन नहीं पा सके वे अपने प्लांट कार्मिक प्रमुख और मुख्यालय कार्मिक प्रमुख को लिखित सूचना दें एवं यूनियन को भी जानकारी दें।
बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष गिरीश कुमार सिंह चौहान ने की।
मौके पर मुख्य रूप से दिलीप कुमार सिंह, भोला साव, खुर्शीद आलम, राममोहन बैठा, सीएस दास, धनंजय श्रीवास्तव, राजेंद्र कान्त महतो सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
