
शिमला, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 315 सड़कें बंद हो गई हैं। इसके साथ ही चम्बा जिले में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। मौसम विभाग ने भी आगामी 5 अगस्त तक राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
बीती रात से हो रही बारिश से सबसे अधिक असर चम्बा, मंडी और कुल्लू जिला में देखा गया। चम्बा जिला के चुआडी के भटियात में सर्वाधिक 118 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि कुल्लू के बंजार में 52 मिमी, भराड़ी में 45 मिमी, मुरारी देवी में 43 मिमी और कोठी में 40 मिमी वर्षा दर्ज हुई। राजधानी शिमला सहित कई स्थानों पर सुबह से ही तेज बारिश का दौर जारी है।
मौसम विभाग ने आज कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश के चलते मंडी जिला के पंडोह डैम के पास चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ, जिससे यह मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। पुलिस अधीक्षक मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि प्रशासन मौके पर मौजूद है और मलबा हटाने का कार्य जारी है ताकि यातायात बहाल हो सके।
इसी बीच बीते दिनों से बारिश के कारण ब्यास नदी में पानी का बहाव और सिल्ट की मात्रा बढ़ने से लारजी डैम से अतिरिक्त 175 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाएगा। प्रशासन ने हूटर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए लोगों और पर्यटकों को नदी के किनारे न जाने की चेतावनी दी है।
भारी बारिश से प्रदेश में बिजली और पेयजल आपूर्ति भी बाधित हुई है। शुक्रवार सुबह तक मंडी में 174 सड़कें, एक नेशनल हाईवे, 76 ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। कुल्लू में एक नेशनल हाईवे, 76 सड़कें और 121 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। चंबा में 18 सड़कें, 142 ट्रांसफार्मर और 62 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। कांगड़ा जिले में 134 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक हिमाचल में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 173 लोगों की जान जा चुकी है, 281 लोग घायल हुए और 36 लोग लापता हैं। अकेले मंडी में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुई हैं, जबकि कांगड़ा में 26, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 14, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
अब तक राज्य में बादल फटने की 27, फ्लैश फ्लड की 44 और भूस्खलन की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। भारी बारिश से 1472 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 437 पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 1058 घर प्रभावित हुए, जिनमें 382 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
प्रदेश को अब तक मानसून से 1648 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 847 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 556 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
जुलाई महीने में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। शिमला में 71 फीसदी, मंडी में 58 फीसदी, कुल्लू में 25 फीसदी, हमीरपुर में 15 फीसदी, सोलन में 13 फीसदी, बिलासपुर में 11 फीसदी और सिरमौर में 5 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। जबकि लाहौल-स्पीति, सोलन, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
