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हिमाचल में भारी बारिश, मंडी में फिर जनजीवन प्रभावित, चार नेशनल हाइवे सहित सैंकड़ों सड़कें बंद

हिमाचल में वर्षा

शिमला, 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। सबसे ज्यादा असर आपदा से जूझ रहे मंडी जिले में देखने को मिला है, जहां लगातार हो रही भारी वर्षा के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। जिले के कई क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं और हालात को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल में भारी बारिश के कारण एसडीएम ने चार सरकारी स्कूलों राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला व प्राथमिक पाठशाला घिरी, प्राथमिक पाठशाला थमारी और खरलोह में आज मंगलवार को छुट्टी घोषित की है। हालांकि इन स्कूलों के शिक्षक और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार मंडी में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक सर्वाधिक 151 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा बाग्गी में 104, सुंदरनगर में 84, मुरारी देवी में 83, नादौन में 78, गोहर में 72, करसोग में 56, पालपमुर में 55, पंडोह में 53 और नंगल डैम में 49 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

बारिश से कोल डैम का जलस्तर बढ़ गया है और डैम प्रबन्धन के मुताबिक अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। इसी तरह ब्यास नदी में भी जलस्तर बढ़ने के कारण पंडोह डैम के गेटों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों को नदी-नालों के किनारे न जाने की चेतावनी दी है। भारी बारिश से मंडी जिला के सराज क्षेत्र में भी जनजीवन दोबारा प्रभावित हो गया है।

मौसम विभाग ने मंगलवार को ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों के लिए भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि मंडी, हमीरपुर और सिरमौर में येलो अलर्ट है। विभाग ने छह अगस्त से 11 अगस्त तक राज्य के कई क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है।

उधर, चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की बलोठ पंचायत में भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे लगभग एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। राजधानी शिमला में भी सोमवार रात से लगातार बारिश हो रही है। इसके अलावा हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों में भी लगातार वर्षा जारी है, जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

चार नेशनल हाइवे व 449 सड़क बंद, 783 बिजली ट्रांसफार्मर ठप

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण मंगलवार सुबह प्रदेश भर में चार राष्ट्रीय उच्च मार्ग और 449 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। मंडी जिला में सबसे अधिक तीन राष्ट्रीय उच्च मार्ग बंद हैं, जिनमें मंडी-कुल्लू एनएच-21 नौ मील के पास, मंडी-धर्मपुर एनएच-003 कैंची मोड़ पर और मंडी-जोगिंदरनगर एनएच-154 महिला थाना के पास बंद है। कुल्लू जिले में एनएच-305 झेड खनग के पास अवरुद्ध है। इसके अलावा मंडी में 318, कुल्लू में 67, कांगड़ा में 32 और सिरमौर में 22 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है।

प्रदेश में 783 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हो चुके हैं, जिनमें अकेले मंडी जिले में 656 ट्रांसफारमर ठप हैं। मंडी के गोहर क्षेत्र में सबसे ज्यादा 547 ट्रांसफारमर बंद हैं। कुल्लू जिले में 68 ट्रांसफारमर बंद हुए हैं। इसके अलावा 276 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं, जिनमें कांगड़ा में 120, मंडी में 86 और चंबा में 49 योजनाएं शामिल हैं।

मौसम के इस कहर से अब तक भारी जान-माल का नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष के मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश भर में कुल 192 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक 42 मौतें मंडी में हुई हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 30, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर में 12, ऊना और किन्नौर में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 लोगों की जान गई है।

भारी वर्षा और भूस्खलन से अब तक प्रदेश में कुल 1692 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 464 पूरी तरह से ढह चुके हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 1089 घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें से 391 पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 298 दुकानें और 1524 पशुशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।

राज्य सरकार की ओर से अब तक हुई क्षति का जो आकलन किया गया है, उसके अनुसार पूरे हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 1753 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को 888 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 618 करोड़ रुपये का हुआ है। भारी बारिश का यह दौर अभी थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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