

—पर्व पर विभिन्न व्यापारिेक संगठनों के पदाधिकारियों ने एक पखवाड़े से ही बुकिंग के आधार पर लगाया अनुमान,दीपावली तक इसमें और उछाल आयेगा
—आटोमोबाइल्स, सराफा, इलेक्ट्रानिक सामान,आभूषण,जमीन और फ्लैट की जमकर हुई खरीदारी
वाराणसी,18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में बाढ़ और बारिश के बाद धनतेरस पर्व व्यापार और बाजार के लिए संजीवनी साबित हुआ। पर्व पर शनिवार को आटोमोबाइल्स, सराफा, इलेक्ट्रानिक सामान,रीयल स्टेट,फूलमाला और मिष्ठान्न के अलावा बर्तनों के बाजार में धन की जमकर बारिश हुई। पर्व पर तीन हजार करोड़ से अधिक के कारोबार होने की उम्मीद है। दीपावली तक इसमें और उछाल आयेगा।
पर्व पर अपरान्ह बाद से ही बाजारों में खरीददारों की भीड़ उमड़ने लगी। शहर के सभी प्रमुख बाजारों में शाम ढलते—ढलते खरीदारों का सैलाब उमड़ पड़ा। परम्परानुसार स्वर्ण और चांदी के आभूषण, आटोमोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स सामान, स्टील के बर्तन, लाई, लावा, चूड़ा व रेवड़ी के साथ साथ चीनी का खिलौना व गट्टों आदि की जमकर खरीददारी हुई।
विद्युत झालरों व बच्चों के खिलौनों,पटाखों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ दिखी। शहर के गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, बुलानाला, मैदागिन, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, लंका, सुंदरपुर, डीएलडब्ल्यू, ककरमत्ता, चितईपुर, चांदपुर, लहरतारा, लहुराबीर, मलदहिया, पांडेयपुर, आशापुर, अर्दली बाजार, गिलटबाजार,शिवपुर में खरीददारों की देर शाम तक ठसाठस भीड़ रही। पटरियों पर भी गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों, विद्युत झालरों, फूल-माला, बर्तनों की भी खूब बिक्री हुई। लोगों ने स्टील के चम्मच से लेकर घर-मकान, गाड़ी तक खरीदे । दुकानों और शो—रूम संचालकों के साथ पटरी विक्रेताओं ने भी ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आकर्षक बिजली के झालरों के साथ फूलों के वंदनवार,गेट बनाकर प्रतिष्ठानों की शानदार सजावट की थी।
सराफा बाजार में सोने-चांदी के सिक्के की बिक्री जमकर हुई। लोगों ने पहले बुकिंग करा कर सिक्के लिए। लक्ष्मी-गणेश के साथ पुराने सिक्के जिसमें विक्टोरिया की मांग सबसे ज्यादा रही। दीपावली पर उपहार देने व पूजा करने के लिए सोने व चांदी के सिक्के खूब बिके। ऑटोमोबाइल शोरूम में भी भारी भीड़ रही। इसमें दो पहिया, चार पहिया के साथ ट्रैक्टर व कामर्शियल वाहन भी बिके। टीवी, होम थिएटर, फ्रीज, एसी, वाशिंग मशीन, ओवन, होम अप्लाइंसेस, किचन अप्लाइंसेस,घरों में सजावट के पर्दे, सोफा, इसके कवर, बनारसी साड़ी, घड़ी ,कीमती मोबाइल आदि सामान लेने के लिए लोग बेहद उत्सुक दिखे। विभिन्न कंपनियों ने शून्य फीसद ब्याज पर सामान देने के साथ कैशबैक ऑफर, स्कीम, निश्चित उपहार की घोषणा भी की थी। मंद पड़े अर्थव्यवस्था में धनतेरस पर्व के बाजार ने नई जान फूंक दी। पर्व पर लोगों ने जमकर खरीददारी की। नगर के व्यापार संगठनों से जुड़े कारोबारियों का अनुमान रहा कि पिछले एक पखवारे से शुरू हुई बिक्री धनतेरस के दिन उफान पर रही। कारोबारियों का कहना रहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों के चलते बाजार पर काफी असर पड़ा। लेकिन इसकी कमी जीएसटी कम होने से काफी हद तक पूरी हुई। 30 अरब से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। उधर,धनतेरस पर मान्यता और परम्परा का निर्वाह करते हुए लोगों ने विविध प्रकार के झाड़ू की भी खरीदारी की। इसका फायदा उठाते हुए दुकानदारों ने मुंहमांगें दाम वसूले । सीक के छोटे झाड़ू जहां 30 रुपये से लेकर 60 रुपये तक बिक गयी तो वहीं फूल झाड़ू 90 रुपये के नीचे नहीं बिका। अनुमान है कि झाड़ू के कारोबार में 10 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई होगी।
धनतेरस पर्व पर व्यापार का अनुमानित आंकड़ा
आटोमोबाइल —350—400 करोड़ रूपये
रियल एस्टेट —200 —250 करोड़ के आसपास
सराफा —800—900 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद 150—180 करोड़
ई-कॉमर्स कारोबार— 400 करोड़
मिठाई —50—55 करोड़
बर्तन —50—55 करोड़
पूजन सामग्री— 18—20 करोड़
मिट्टी के दीये, देवी-देवताओं की मूर्ति 90—100 करोड़
गिफ्ट आइटम —75—80 करोड़
झालर, एलईडी स्ट्रिप्स— 15 करोड़
कटपीस/तैयार परिधान 50 करोड़ से अधिक
ड्राई फ्रूट्स 40—45 करोड़
आर्टिफिशियल ज्वैलरी 25—30 करोड़
फर्नीचर उत्पाद 40 करोड़
साइकिल/रिक्सा/ट्राली 10 करोड़
व्यापार संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार ये अनुमानित आंकड़े एक पखवारे पूर्व से शुरू हुई खरीदारी और एडवांस बुकिंग पर आधारित है। लहुराबीर व्यापार मंडल से जुड़े संजय चौबे ने बताया कि इस वर्ष आटो मोबाइल सेक्टर की बूम रही । धनतेरस पर्व शनिवार को पड़ने के चलते लोगों ने पहले ही बूकिंग करा ली। ज्यादातर लोग वाहन रविवार को घर ले जाएंगे। जीएसटी दरों में छूट के साथ वाहन कंपनियों ने भी अपनी ओर से आफर दिया है। वाहन सेक्टर में शोरूम संचालक पंकज रस्तोगी बताते है कि पूरे पूर्वांचल में व्यापार का केन्द्र वाराणसी है। वाराणसी के आसपास के जनपदों के लोगों ने भी शहर में आकर खरीददारी की। जिन घरों में मांगलिक कार्यक्रम होने है। उन लोगों ने भी आभूषणों और वाहनों की खरीदारी में रूचि दिखाई।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी