
उज्जैन, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । इस श्रावण-भादौ मास की पहली सवारी में व्यवस्था संचालन में आनेवाली समस्याओं,परेशानियों को लेकर आईजी उमेश जोगा ने एक बैठक पुलिस कंट्रोल रूम में ली। इस बैठक में अधिकारियों ने अपनी बात रखी। साथ ही सुझाव भी आए। इस आधार पर जिला पुलिस ने तय किया है कि आगामी सोमवार को निकलनेवाली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में निम्रांकित बातों का ध्यान रखा जाएगा तथा व्यवस्थाओं का पालन करवाया जाएगा। जिसमें कि सवारी मार्ग पर की गई बैरिकेटिंग व्यवस्था मजबूत नहीं थी। आमजनों को पालकी आगमन के समय अपने स्थान पर थामे रखने में बेरीकेड्स बिखगर गए थे। ऐसे में भीड़ नियंत्रण प्रभावी नहीं रहा, इसीलिए सोमवार की सवारी से पूर्व हेवी ड्यूटी बेरीकेटिंग की जाएगी। सवारी मार्ग पर सिंगल, गलियों में डबल एवं हरसिद्धि की पाल पर थ्री लेयर बेरिकेटिंग होगी। महाकाल मंदिर मुख्य द्वार पर भी हेवी ड्यूटी बैरिकेटिंग होगी।
सवारी मार्ग पर लगी विद्युत विभाग की डीपी पर जालियां लगाई गई हैं। कतिपय श्रद्धालु इन जालियों पर चढक़र सवारी देख रहे थे। ऐसे में अब जालियों पर प्लास्टिक की शीट लगाकर उन्हे ढंक दिया जाएगा,ताकि कोई उस पर चढ़ न सके ओर संभावित दुर्घटना को रोका जा सके। सवारी मार्ग पर बिजली और टेलीफोन के तारों/केबल्स को सुरक्षित नहीं किए जाने से सवारी के दौरान खतरे की आशंका थी। अब इन तारों को लेकर सुरक्षा के उपाय किए जाएं। ताकि कोई तार टूटकर भीड़ पर न गिरे ओर दुर्घटना न हो। पहली सवारी में पालकी के साथ कहारों और पुजारियों की संख्या अधिक थी। इनकी संख्या को निर्धारित किया जाए तथा इन्हें भी परिचय पत्र दिए जाएं। ताकि उसे दिखाकर ही वे पालकी के साथ शामिल हो सकें। सवारी के दौरान पालकी के आगे खड़े होकर कतिपय पण्डे-पुजारियों ने फोटो करवाए थे। इसके कारण अव्यवस्था बनी थी। इस पर प्रतिबंध लगाया जाए। पालकी के साथ चलने वाले जनरेटर स्टाफ की संख्या अत्यधिक थी, जिससे बाधा उत्पन्न हुई। वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए।
इसके साथ ही सुझाव दिए गए हैं कि भजन मंडलियों की संख्या में वृद्धि होने से सवारी के संचालन में बाधा हुई। अत: मंडली संचालकों को पाबंद किया जाए। मंदिर परिसर में सवारी के प्रस्थान से पूर्व कोठारों व पंडे-पुजारियों के कमरों में श्रद्धालु छिपे पाए गए, अत: सवारी पूर्व सघन जांच अनिवार्य है। ताकि उन्हे परिसर से बाहर निकाला ला सके। नृसिंह घाट पुल पर यातायात अव्यवस्थित पाया गया था। यहां उचित यातायात प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। सवारी मार्ग के खतरनाक भवनों पर चेतावनी के बोर्ड नहीं लगे थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु इनका चिन्हांकन करके बोर्ड लगाना आवश्यक है। सवारीवाले दिन शिप्रा नदी के घाटों पर वर्षा के कारण फिसलन थी,जिससे दुर्घटना की संभावना है। यहां चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएं ओर सफाई व्यवस्था को दुरस्त किया जाए। सुरक्षा की दृष्टि से सभी थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्रों के गुण्डों को बाउण्ड ओव्हर करे ताकि उनकी गतिविधियां समाप्त हो जाएं। शहर में स्थित धर्मशालाओं,लॉज एवं होटल्स की जांच सवारी से पूर्व करें। शहर के आउटर चेकिंग प्वाइंट्स जैसे- बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच अभियान हर सोमवार को प्रात: काल से चलाया जाए। ताकि सवारी में या सवारी मार्ग पर असामाजिक/शरारती तत्व शामिल न हो सके। हर रविवार संध्या 6 बजे से सोमवार संध्या 6 बजे तक के लिए अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जिससे समन्वित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
