
नदिया, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में दशमी और एकादशी पर प्राकृतिक आपदा ने फिर से कहर ढाया। शुक्रवार तड़के अचानक आए महज़ एक मिनट के तूफ़ान ने नदिया और हुगली ज़िले के कई इलाकों को तहस-नहस कर दिया। सबसे अधिक नुकसान नदिया ज़िले के हरिणघाटा ब्लॉक में हुआ, जहां 10 से 12 मकान ढह गए और कई घरों की टिन की छत उड़ गई। केले सहित अन्य फसलों को भी भारी क्षति पहुंची।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह लगभग पांच बजे हरिणघाटा ब्लॉक के बिरही-2 ग्राम पंचायत के अंतर्गत नारायणपुर समेत कई गांवों में अचानक तेज़ तूफ़ान आ गया। इसकी चपेट में आकर कई घरों की दीवारें गिर पड़ीं और पूरा इलाका अस्त-व्यस्त हो गया। तूफ़ान के बाद सुबह 11 बजे से तेज़ बारिश शुरू हो गई, जिससे हालात और बिगड़ गए।
ग्रामीणों का कहना है कि इस ‘अचानक आए चक्रवात’ ने उन्हें अम्फान से भी ज़्यादा भयावह अनुभव कराया। घरों के सामान, फर्नीचर सहित कई ज़रूरी वस्तुएं बर्बाद हो गईं।
इधर, हुगली ज़िले के चंदननगर में भी अचानक आए तूफ़ान और बारिश ने नरोया शांतिरमाठ इलाके को प्रभावित किया। तेज़ हवाओं से पूजा मंडप गिर गया और उसमें लगी झूमर टूटकर बिखर गई। कई घरों की छतें उड़ गईं और पेड़-पौधे धराशायी हो गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भोर के समय अचानक आई आंधी बिल्कुल बवंडर की तरह महसूस हुई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, दशमी की शाम को भी उत्तर 24 परगना के संदेशखाली क्षेत्र में महज़ 50 सेकंड तक चले विनाशकारी तूफ़ान ने भारी तबाही मचाई थी। गुरुवार शाम लगभग 4 बजे संदेशनखाली-1 ब्लॉक के पाथरघाटा क्षेत्र में आए इस बवंडर में करीब सौ घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। छह लोग घायल हुए थे और सैकड़ों पेड़ तथा फसलें चौपट हो गई थीं। 30 से अधिक बिजली के खंभे और तार टूट जाने से पूरे इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी।
—————
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
