नैनीताल, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुछ निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस लेने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार करने के साथ ही अखबारों में प्रकाशित करने के निर्देश दिए हैं ताकि निजी स्कूल अपना पक्ष न्यायालय में रख सकें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तिथि तय की है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून के अधिवक्ता जसविंदर सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून के कुछ निजी स्कूलों ने ट्यूशन, एडमिशन, यूनीफार्म, रजिस्ट्रेशन आदि अन्य फीस सहित कई तरह के चार्ज वसूले जा रहे हैं। जबकि उत्तराखंड सरकार ने स्कूल फीस के लिए 2017 में जो मानक तय किए हैं उसके अनुसार स्कूल एक बार एडमिशन के बाद दोबारा प्रवेश शुल्क नहीं लेंगे। कॉशन मनी के रूप में भी कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। स्कूल को केवल तीन साल में एक बार, वो भी अधिक से अधिक दस प्रतिशत तक ही फीस वृद्धि का अधिकार होगा। कोई समिति, न्यास, कंपनी, स्कूल छात्रों के एडमिशन के लिए प्रतिव्यक्ति शुल्क वसूल नहीं करेगा या चंदा नहीं लेगा।
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(Udaipur Kiran) / लता
