
शिमला, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । शिमला की बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद मामले में जिला अदालत में सुनवाई एक बार फिर टल गई है। शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने अदालत से नगर निगम आयुक्त के फैसले से जुड़ी फाइल का निरीक्षण करने के लिए समय मांगा। अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तिथि तय की है।
संजौली स्थित इस मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने 3 मई, 2025 को मस्जिद की निचली दो मंजिलों को अवैध बताते हुए उन्हें तोड़ने का आदेश दिया था। लेकिन जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड की याचिका पर नगर निगम कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इससे पहले 5 अक्टूबर, 2024 को भी मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को हटाने का आदेश दिया जा चुका है। निगम कोर्ट ने यह कार्रवाई मस्जिद निर्माण से जुड़ी अनियमितताओं और स्वीकृति दस्तावेजों के अभाव में की थी।
नगर निगम कोर्ट की कार्रवाई से पहले वक्फ बोर्ड को बार-बार मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक और भवन निर्माण से संबंधित वैध नक्शा व एनओसी पेश करने का अवसर दिया गया। लेकिन बोर्ड की ओर से कोई वैध दस्तावेज निगम अदालत में प्रस्तुत नहीं किया जा सका। ऐसे में एमसी आयुक्त ने इस पूरी संरचना को अवैध मानते हुए उसे हटाने का आदेश पारित कर दिया था। इसी आदेश को वक्फ बोर्ड ने अब जिला अदालत में चुनौती दी है और कानूनी कार्रवाई जारी है।
यह विवाद मूलतः दो समुदायों के बीच हुए टकराव से उपजा था। 31 अगस्त, 2024 को शिमला के मेहली क्षेत्र में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। मारपीट में शामिल एक गुट के लोग संजौली मस्जिद में जाकर छिप गए, जिससे अगले दिन एक सितंबर, 2024 को लोगों ने मस्जिद के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद विरोध की चिंगारी पूरे शिमला और फिर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों तक फैल गई। 11 सितंबर, 2024 को संजौली में इस मुद्दे पर हिन्दू संगठनों ने विशाल प्रदर्शन किया। इस दाैरान स्थिति काे नियंत्रण में करने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जब बैरिकेड तोड़ते हुए मस्जिद स्थल तक कदम बढ़ाए तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कई प्रदर्शनकारी औऱ पुलिस जवान चोटिल हुए थे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
