
जबलपुर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार काे प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि पहले रद्द किए प्रमोशन पर नई पॉलिसी कैसे काम करेगी। इस बाबत राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब पुरानी पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो फिर नई पॉलिसी आखिर क्यों लागू की जा रही है।
पदोन्नति पर आरक्षण मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि अपने सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए सरकार ये क्लियरीफिकेशन जारी कर देगी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से नई प्रमोशन पॉलिसी के तहत प्रमोशन शुरू करने की राहत भी चाही, लेकिन कोर्ट ने ऐसा आदेश देने से फिलहाल इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का स्पष्टीकरण आने पर वो 25 सितंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगी। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार की प्रमोशन पॉलिसी को जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2016 में असंवैधानिक पाते हुए रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी जहां सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। इधर 9 साल से प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण ना मिलने पर सरकार इसी साल 2025 में नई प्रमोशन पॉलिसी ले आई थी, जिसे सपाक्स सहित कई याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी। याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार पुरानी प्रमोशन पॉलिसी के अदालत में विचाराधीन रहते नई पॉलिसी लाई है जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ओवररुल करने जैसा है।
हाईकोर्ट ने सरकार का स्पष्टीकरण आने तक सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने कहा है कि जब उसकी पुरानी प्रमोशन पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और अगर उस पर सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला आता है तो उसे सरकार नई पॉलिसी के रहते कैसे लागू करेगी। हाईकोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि जब पुरानी प्रमोशन पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश हैं और पुरानी पॉलिसी से हुए प्रमोशन रद्द भी किए गए हैं और नई पॉलिसी में सरकार रद्द हुए प्रमोशन्स को कैसे डील करेगी। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की डिवीजन बैंच ने तब तक के लिए सुनवाई को टाल दिया है। एडवोकेट अमोल श्रीवास्तव ने बताया कि इसी मामले पर सुनीता जौहरी की भी याचिका लगी हुई है उसे भी शामिल करते हुए अब 25 सिंतबर को सुनवाई होगी।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
