
हाईकोर्ट में सलमान खान की ट्रांसफर पिटीशन और सरकार की लीव टू अपील की एक साथ होगी सुनवाई
जोधपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में 1998 के बहुचर्चित काला हिरण शिकार मामले में आज विभिन्न अपीलों और याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले में सह आरोपित फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। इनके बरी होने पर राज्य सरकार की तरफ से लीव टू अपील दायर की गई थी। इसके अलावा सलमान खान की ट्रांसफर पिटीशन पर भी सुनवाई होनी थी। ट्रांसफर केस की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
एडवोकेट महीपाल विश्नोई ने बताया कि जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट में मामला सूचीबद्ध था। सुनवाई दो मुख्य अपीलों से संबंधित थी। इनमें पहली अपील सलमान खान की ओर से अधीनस्थ कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। पूर्व में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने सलमान खान को 5 साल के कारावास और 25,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया था। वहीं दूसरी अपील राज्य सरकार की ओर से सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू, नीलम और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के खिलाफ पेश लीव टू अपील में शामिल थी। सह-अभियुक्तों सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया था। राज्य सरकार ने इन्हें बरी करने के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले में पहले ही सलमान खान को सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं सह-अभियुक्तों सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को बरी किया गया था। सलमान खान के वकीलों ने उनकी सजा के खिलाफ पूर्व में एक ट्रांसफर पिटीशन हाईकोर्ट में पेश की थी, ताकि उनके खिलाफ दायर अपील को राज्य सरकार की अपील के साथ संलग्न (जोडऩा) किया जा सकें।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि रजिस्ट्री की ओर से इस मामले में मिले ट्रांसफर रिकॉर्ड का अपील नंबर राजस्थान हाईकोर्ट के नंबरों के अनुसार लिस्टेड किया जाए। तकनीकी कारणों से यह नहीं हो पाया था। इस पर जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने आज आदेश दिया कि कि सलमान खान की ओर से अधीनस्थ कोर्ट (जिला एवं सेशन न्यायाधीश, महानगर/ग्रामीण जोधपुर) में पेश की गई अपील को भी ट्रांसफर पिटीशन के तहत राजस्थान हाईकोर्ट में लिस्टेड किया जाए। इसके साथ ही दोनों प्रकरणों को एक साथ शामिल करते हुए उनकी संयुक्त सुनवाई अब 22 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट में होगी।
(Udaipur Kiran) / सतीश
