
रांची, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत वाद (कंप्लेन केस) पर रांची सिविल कोर्ट के सीजेएम (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) की ओर से लिये गए संज्ञान को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर उच्च न्यायालय में गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने बहस के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई के लिए आठ सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की।
मुख्यमंत्री की याचिका पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर रॉय और अधिवक्ता श्रेय मिश्रा ने बहस की।
उल्लेखनीय है कि, रांची की सीजेएम कोर्ट ने पिछले वर्ष ईडी की कप्लेन केस पर सुनवाई के दौरान संज्ञान लिया था और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ समन जारी किया था। समन काे निरस्त करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
ईडी की कंप्लेन केस पर सुनवाई करते हुए रांची सीजेएम की कोर्ट ने अपने फैसले में प्रथम द्रष्टया यह माना है कि हेमंत सोरेन ने ईडी के समन का उल्लंघन किया। ईडी ने 19 फरवरी को शिकायतवाद दर्ज कराई थी।
ईडी की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायतवाद में कहा गया है कि ईडी की ओर से लगातार समन देने के बाद भी हेमंत सोरेन ने उस आदेश का अनुपालन नहीं किया और कई समन का उल्लंघन किया। इसके साथ ही पीएमएलए एक्ट के तहत भी शिकायतवाद दर्ज करवाया गया है।
दरअसल, जमीन घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 10 समन जारी किया था। लेकिन हेमंत सोरेन सिर्फ दो समन पर पेश हुए थे। 8 समन पर वह एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। इसे समन की अवहेलना माना गया है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
