शिमला, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश हाईकोर्ट में दुष्कर्म के आरोपी एस.डी.एम. ऊना विश्व मोहन देव चौहान की जमानत याचिका पर सुनवाई 3 अक्तूबर के लिए टल गई। न्यायाधीश राकेश कैंथला की अनुपस्थिति के कारण यह मामला आज न्यायाधीश बी.सी. नेगी के समक्ष सुनवाई के लिए लगाया गया था। इस मामले में आरोपी को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में ही आरोपी को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान करने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे।
दरअसल, युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और ब्लैकमेल के आरोपों से घिरे ऊना के एसडीएम ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में पिछले कल वीरवार को न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की अदालत में सुनवाई हुई थी।
एफआईआर की प्रति का अवलोकन करते हुए अदालत ने पाया कि आरोपी एसडीएम पर 10 अगस्त को पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। आरोप के अनुसार पीड़िता के रोने पर आरोपी ने शादी का झांसा दिया। इसके बाद 20 अगस्त को आरोपी ने उसे एक विश्राम गृह में बुलाया, जहां उसने दोबारा दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने घटना का वीडियो भी बना लिया और उसे वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपों को अविश्वसनीय मानने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का हवाला भी दिया, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि दुष्कर्म जैसे मामलों में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने फिलहाल आरोपी एसडीएम को अंतरिम अग्रिम जमानत नहीं दी।
गौरतलब है कि ऊना जिला में तैनात एक एसडीएम पर एक युवती ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण और ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगाया है। युवती का कहना है कि एसडीएम ने न केवल जबरन संबंध बनाए, बल्कि उसका आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिया और धमकी दी कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मामला सामने आने के बाद से आरोपी एसडीएम फरार है और पुलिस ने उनकी तलाश तेज कर दी है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
