
–एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई निगरानी –अमेरिका में सिखों पर दिए बयान का मामला
प्रयागराज, 01 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में सिखों को लेकर दिए गए विवादित बयान के मामले में दाखिल क्रिमिनल रिवीजन पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति समीर जैन की कोर्ट में सुनवाई तीन सितम्बर तक स्थगित कर दी गई है। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और अपोजिट पार्टी की ओर से सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी और अमन सिंह विसेन उपस्थित हुए। राज्य की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल उपस्थित रहे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 3 सितम्बर को नियत की है।
मालूम हो कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वाराणसी की एमपी एमएलए अदालत के आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत ने अमेरिका में सिख समुदाय पर दिए बयान को लेकर 21 जुलाई को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग वाली निगरानी याचिका स्वीकार कर ली थी। इस आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है।
सितम्बर 2024 में राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है, क्या सिख पगड़ी पहन सकते हैं, कड़ा रख सकते हैं और गुरुद्वारे जा सकते हैं? उनके इस बयान को भड़काऊ और समाज में विभाजनकारी बताते हुए विरोध हुआ था।
वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। इस पर उन्होंने अदालत में परिवाद दाखिल किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) ने 28 नवम्बर 2024 को यह कहते हुए वाद खारिज कर दिया कि मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से जुड़ा है और यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है। इसके बाद नागेश्वर मिश्रा ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की जिसे 21 जुलाई 2025 को विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) की अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अब इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है। दलील दी गई है कि वाराणसी अदालत का आदेश गलत, अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। लिहाजा जब तक यह मामला हाईकोर्ट में लम्बित है तब वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
