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हवाई सेवा को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय,बिलासपुर

बिलासपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में विकसित हवाई सेवा को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभु दत्त गुरु की खंडपीठ में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने इस संबंध में मुख्य सचिव को जवाब पेश करने का आदेश दिया है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान बताया गया कि बिलासा एयरपोर्ट के उन्नयन और विकास के लिए आवश्यक जमीन के लिए रक्षा मंत्रालय ने करीब 290 एकड़ जमीन के लिए 71 करोड़ की राशि की मांग की थी। 9 सितंबर को रक्षा मंत्रालय की बैठक में राज्य सरकार की तरफ से सचिव राजस्व के किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए जमीन का आंकलन कर 46 करोड़ रुपये में मांग की गई है। राज्य सरकार के माध्यम से इसका प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा है। दरअसल पिछली सुनवाई में कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को अपने सचिव के माध्यम से आठ सप्ताह के भीतर राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के बीच मुआवजे के भुगतान के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। जिसको लेकर शपथपत्र पेश किया गया है।

वहीं डीवीओआर (डॉपलर वीएचएफ ओमनी रेंज) की स्थापना के लिए कहा गया था कि आवश्यक धनराशि पहले ही पीडब्ल्यूडी को आवश्यक कार्य करने के लिए जारी कर दी गई है ।उन्होंने आगे कहा है कि कार्य सितंबर, 2025 तक पूरा हो जाएगा। जिसके मद्देनजर, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को कार्य पूरा होने की स्थिति के बारे में बताते हुए एक नया हलफनामा दायर किया और कार्य के पूर्ण होने की जानकारी दी है। इसका एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया का निरीक्षण भी किया जा चुका है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ने न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराया कि बिलासा एयरपोर्ट से विंटर सेशन में बिलासपुर से उड़ने वाली फ्लाइट 4 दिन ही चल रही है। 3 दिनों तक कोई फ्लाइट चालू ही नहीं की गई। जबकि फ्लाइट भरी ही जा रही है। जिस पर कहा गया कि फ्लाइट चलाने में टेक्निकल समस्या आ रही है।

न्यायालय ने 25 जुलाई 2025 को दिए आदेश में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा बिलासपुर के नागरिकों के हित में बिलासा देवी केवट हवाई अड्डे, बिलासपुर को 3सी श्रेणी से 4सी श्रेणी में अपग्रेड करने के लिए कुछ सकारात्मक निर्णय के विषय में जवाब मांगा था। जिसे पेश किया गया है। वहीं सोमवार को न्यायालय में जनहित याचिका से जुड़ी मांगी गई जानकारी को लेकर अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने 4 सप्ताह का समय मांगा । जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर उठाए जा रहे कदम के विषय में मुख्य सचिव से शपथपत्र में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। वहीं अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को तय की गई है।

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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