
भोपाल, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में दस्तक अभियान के प्रथम चरण आज (मंगलवार) से शुरू हो रहा है। यह अभियान 16 सितंबर तक चलेगा। करीब दो माह तक संचालित होने वाले इस अभियान में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाएगी। जिनमें निमोनिया व गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान व रेफरल एवं प्रबंधन, डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर द्वारा एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, दस्त रोग की पहचान एवं ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के संबंध में जागरूकता, विटामिन ए की खुराक का सेवन जैसी सेवाएं प्रमुख हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर बच्चों की जांच की जाएगी। पांच साल तक के बच्चों में निमोनिया, गंभीर कुपोषण, एनीमिया और दस्त रोग की पहचान की जाएगी। डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर से एनीमिया की स्क्रीनिंग होगी। ओआरएस और जिंक के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। विटामिन ए की खुराक भी दी जाएगी। दस्तक अभियान के लिए आवश्यक दवाइयां, जांच उपकरणों, रिपोर्टिंग प्रपत्रों, प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है एवं मैदानी कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 5 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। दस्तक अभियान में सघन दस्त नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित होगा। जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जिंक एवं ओआरएस उपलब्ध कराया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रितेश रावत ने बताया कि दस्तक अभियान 2018 से चल रहा है। इसका उद्देश्य बाल मृत्यु दर कम करना और बच्चों को बीमारियों से बचाना है।
(Udaipur Kiran) तोमर
