
प्रयागराज, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना कि अभियुक्त जिसके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 की नोटिस जारी है और फरार है तो वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं हैं।
कोर्ट ने गुण-दोष पर कोई राय न देते हुए कानपुर नगर के सभासद प्रदीप मिश्र की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इन पर फर्जी दस्तावेज से जमीन बैनामा करने वालों के हस्ताक्षर, लेखपाल की रिपोर्ट पर सत्यापित कर अपराध में लिप्त होने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने शिकायतकर्ता के अधिवक्ता, सरकारी अधिवक्ता व याची अधिवक्ता को सुनकर दिया है। मालूम हो कि कानपुर नगर कोतवाली में फर्जी दस्तावेज से याची की जमीन बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज है। याची का कहना है कि इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है, वह निर्दोष है। उसने केवल चचेरे भाई विपिन मिश्र व अमित सिंह के हस्ताक्षर का सत्यापन किया है। उसके खिलाफ अपराध में लिप्त होने का कोई साक्ष्य नहीं है। वह विवेचना में सहयोग करेगा। उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है, इसलिए राहत दी जाय।
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के हवाले से कहा कि याची फरार हैं। कुर्की कार्यवाही शुरू की गई है। ऐसे में फरार अभियुक्त को अग्रिम जमानत पाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कानूनी पहलुओं व तथ्यों पर विचार करते हुए याची को अग्रिम जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
