
हाथरस, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । ‘आलू की राजधानी’ कहे जाने वाले हाथरस जनपद में इन दिनों आलू की बुवाई शुरू हो चुकी है। किसान सुबह से ही मजदूरों को लगाकर खेतों को तैयार कर विशेष रूप से 3797 प्रजाति के आलू की बुवाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, क्योंकि यह किस्म साल भर अच्छी कीमत दिलाती है।
किसानों के अनुसार, आलू की यह किस्म भंडारण के लिए उपयुक्त है और अधिक मुनाफा देती है। किसान रामवीर सिंह, बबलू चौधरी और ओमवीर सिंह ने मंगलवार काे बताया कि बाजार में 3797 प्रजाति के आलू की मांग अधिक रहती है, यही कारण है कि वे इसी किस्म की बुवाई कर रहे हैं। क्षेत्र के कोल्ड स्टोरेज भी किसानों के संपर्क में हैं ताकि भविष्य में भंडारण की सुविधा सुनिश्चित की जा सके। आलू बुवाई के कारण मजदूरों की मांग में भी वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। जिले के सादाबाद में उगाया जाना वाला यह आलू दक्षिण भारत के साथ-साथ महाराष्ट्र और गुजरात की मंडियों में भी भेजा जाता है। यह क्षेत्र के किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन गया है।
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(Udaipur Kiran) / मदन मोहन राना
