Haryana

कांग्रेस के हंगामे पर हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही छह बार स्थगित

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी विधानसभा में अपनी बात रखते हुए

26 अगस्त को कानून-व्यवस्था के काम रोको प्रस्ताव पर होगी चर्चा

चंडीगढ़, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा किए जाने के चलते सदन की कार्यवाही को जहां छह बार स्थगित करना पड़ा वहीं सरकार ने कांग्रेस के दबाव में काम रोको प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब 26 अगस्त को विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा करवाई जाएगी। सत्र की शुरुआत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने से हुई। इसके तुरंत बाद प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक अपनी सीटें छोड़कर खड़े हो गए। सदन में नारेबाजी शुरू हो गई। कांग्रेस की गीता भुक्कल ने नियम 66 का हवाला देते हुए तत्काल चर्चा की मांग रखी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही है, जबकि उनके शासनकाल में तो अपराध अपने चरम पर था। हम पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने ‘अपना घर कांड’ को उठाते हुए भी विपक्ष को घेरने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर प्रश्नकाल में विस्तृत चर्चा हो सकती है, लेकिन विपक्ष हंगामा करके केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहता है।

पूर्व मुख्यमंत्री और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, और सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है। भिवानी की मनीषा हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। कांग्रेस चाहती थी कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत चर्चा हो, लेकिन सरकार टालमटोल करती रही। मजबूरन हमें सदन में हंगामा करना पड़ा। विधायक

हंगामा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण को बार-बार कार्यवाही रोकनी पड़ी। कई बार कांग्रेस विधायक स्पीकर की बैल तक पहुंच गए। भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी नारेबाजी हुई। स्थिति संभालने के लिए स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला और निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल मौजूद रहे। बैठक के दौरान भी विपक्ष ने अपने तेवर ढीले नहीं किए। जब हालात काबू से बाहर होने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कांग्रेस का काम रोको प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। स्पीकर के इस फैसले के बाद विपक्ष शांत हुआ। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि आने वाले महीनों में विधानसभा का हर सत्र और ज्यादा टकराव भरा रहने वाला है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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