Madhya Pradesh

हरदा : जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर

जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर
जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर

हरदा, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के आदिवासी बाहुल्य टिमरनी ब्लाक अंतर्गत नौसर बिच्छापुर मार्ग पर बाकुड नदी पर पुल बनाने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 5-6 कि.मी. लंबे मार्ग को बनाने और नदी पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। बरसात में इस मार्ग पर यात्रा करना जोखिम पूर्ण होता है। घुटने भर कीचड़ के बीच स्कूली बच्चे, किसान, खेत, स्कूल आते-जाते हैं। नदी में गड्ढे होने के कारण गहराई इतना अधिक होती है। मोटर सायकल, ट्रैक्टर बड़ी मुश्किल से निकल पाता है। मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी मशक्कत होती है। खेती कार्य के लिए खेत जाना मुश्किल हो जाता है। जान जोखिम में डालकर किसान आते-जाते हैं। इस मार्ग पर आवागमन अवरूद्ध हो जाने पर करीब 14-15 किलोमीटर का चक्कर काट कर आना-जाना पड़ता है।

तिवारी

नौसर और बिच्छापुर गांव के किसानों की समस्या और मांग को ध्यान में रखते हुए बाकुड नदी पर पुल बनाये जाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया और इंजीनियर ने 20 लाख रूपये का स्टीमेट पुल बनाने के लिए भेजा है। मंजूरी नहीं मिल पाई है। पंचायत के पास इतना बजट नहीं कि पुल बना सके। विधायक, सांसद निधि या फिर शासन-प्रशासन से बजट स्वीकृत होने पर ही पुल बन सकता है। पंचायत सचिव पुलकित तिवारी ने बताया कि पुल और मार्ग दोनों बनवाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। छिदगांव से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से जुड़ जाने के कारण अब पी.डब्ल्यू.डी. से मार्ग बनाने का विकल्प बचा है। पी.डब्ल्यू.डी. के पास भी जनपद और जिला पंचायत के पास प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। राशि मंजूर होने के बाद पुल बनवाने का कार्य करवाया जायेगा। गांव के किसानों के समक्ष आवागमन की समस्या है।

पुल नहीं होने के कारण गोदड़ी मार्ग आधा बंद है। इसे चालू कर दिया जाये तो गोदड़ी, धौलपुर, नयागांव, गाड़ामोड सहित 5-6 गांव के लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी। 2 किलोमीटर में ही रास्ता तय हो जायेगा । करताना होकर चक्कर काटकर नहीं जाना पड़ेगा।

सरपंच जगदीश चावरे नौसर-बिच्छापुर मार्ग पर पुल नहीं होने से किसान परेशान है। खेत आने-जाने में दिक्कत होती है। बिच्छापुर आने-जाने में दिक्कत होती है। बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में समस्या होती है। बरसात में बाकुड़ नदी में पानी अधिक हो जाने के कारण वाहन डूब जाते हैं। ट्रैक्टर आदि खराब हो जाते हैं। पूरा वाहन ही डूब जाता है । जान जोखिम में डालकर लोग आते-जाते हैं।

(Udaipur Kiran) / Pramod Somani

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