Madhya Pradesh

जबलपुर : कजलियां पर्व पर समरसता का साक्षी बनेगा ‘हनुमानताल’

कजलियां’ पर्व पर समरसता का साक्षी बनेगा ‘हनुमानताल’

जबलपुर, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । आपसी सद्भाव और समरसता के प्रतीक कजलियां महापर्व के शताब्दियों से गवाह रहे जबलपुर के हनुमानताल में इस बार कजलियों का वह आयोजन होगा, जो यादगार होगा ।

कजलियां पर्व के मूल उद्देश्य को साकार करने का बीड़ा ‘समरसता सेवा संगठन’ ने उठाया है। संगठन का तीसरा कजलियां महा महोत्सव का आयोजन इस बार भी आगामी 10 अगस्त को अपरान्ह 1 बजे से 5 बजे तक हनुमानताल में होने जा रहा है। इस महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार पिछले दो वर्षों की तुलना में और अधिक सामाजिक संगठनों की आयोजन में सहभागिता होगी।

कजलियों का पात्र वितरण चौरसिया दिवस (नागपंचमी)

के कार्यक्रम में आगामी 29 जुलाई मंगलवार को गवारीघाट में होगा। इसके साथ ही आयोजन की तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी।

इस आशय की जानकारी पूज्य जगद्गुरु सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघवदेवाचार्य जी की उपस्थिति मे आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव उज्जवल पचौरी ने दी। पत्रकारवार्ता में महाकौशल चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि गुप्ता, अग्रवाल महासभा अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल बब्बा, जैन पंचायत सभा अध्यक्ष कैलाश चंद्र जैन, वरिष्ठ समाजसेवी सुरेश सर्राफ नवरूप, सीताराम सेन उपस्थित थे।

विस्तृत जानकारी देते हुए जैन ने बताया कि आयोजन में कजलियों की पारंपरिकता के साथ ही साहित्यिक और सांस्कृतिक छटा भी रहेगी । इस अवसर पर ‘सनातन संस्कृति में समरसता के प्रतीक पर्व कजलियों का महत्व’ विषय पर तीन वर्गों , माधमिक , उच्चतर माध्यमिक और महाविद्यालयीन वर्गों के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा।

इसके साथ ही 12 बर्ष तक के बच्चों के लिए विविध वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन भी होगा। महिलाओं की सहभागिता के लिए भी पूजा की थाली सजाओ और हस्त निर्मित राखी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। वहीं जायकेदार व्यंजनों का लुत्फ भी रहेगा।

आयोजन के वृहद स्परूप को देखते हुए व्यवस्था के तहत विविध समितियों का गठन किया जाएगा।

वहीं चाइल्ड जोन में बच्चों के आनंद के इंतेजाम किए जाएंगे।

इसके अलावा कई व्यापारिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक संस्थाओं की सहभागिता भी रहेगी। आयोजन में शामिल संगठनों के प्रतिनिधि नागपंचमी के आयोजन में वितरित कजलियां पात्र में बोई गई कजलिया लेकर उपस्थित होंगे।

विगत ढाई वर्ष की आयोजन यात्रा के बारे में अध्यक्ष संदीप जैन बताया कि समरसता सेवा संगठन ने बीते ढाई वर्षों में 70 संगोष्ठियों सहित सौ से अधिक आयोजन किए हैं। इनमें सभी महापुरुषों की जयंती पर उनके विचारों के प्रसार के लिए संगोष्ठी, विचारमाला का आयोजन किया है।

इसके साथ ही वार्षिक वृहद वृक्षारोपण के साथ साथ आयोजित प्रत्येक जयंती पर भी वृक्षारोपण की संयोजना को भी संस्था की मुख्य गतिविधि में शामिल किया गया है। इन आयोजनों में सभी समाजों के हजारों प्रबुद्धजनों और विभूतियों को सम्मानित किया गया है।

सब सबको जाने, सब सबको मानें के ध्येय वाक्य को आत्मसात करते हुए समरसता के जो सार्वजनिक आयोजन किए गए हैं। इनमें संस्कारधानी समरसता कजलियां महोत्सव और संस्कारधानी समरसता होली महोत्सव के आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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