Uttar Pradesh

हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद की कार्यकारी बोर्ड में

—2013 में तीन तलाक के खिलाफ वाराणसी से मुस्लिम महिलाओं को लेकर पहली बार आन्दोलन शुरू किया था

वाराणसी, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी को कार्यकारी बोर्ड में शामिल किया गया है। नाज़नीन अंसारी इससे पूर्व यूपी मदरसा बोर्ड की सदस्य रह चुकी है और भारत की 100 सशक्त महिलाओं में शामिल है।

देशभर में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज बुलन्द करने के लिए एवं साम्प्रदायिक एकता के प्रयासों के लिए वह जानी जाती हैं। वर्ष 2013 में तीन तलाक के खिलाफ वाराणसी से मुस्लिम महिलाओं को लेकर पहली बार आन्दोलन शुरू किया था। नाजनीन ने हनुमान चालीसा और रामचरित मानस उर्दू में लिखी है। वर्ष 2006 में जब आतंकियों ने संकट मोचन मन्दिर में बम धमाका किया था, तब पूरे देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो गया था, तब उस तनाव को खत्म करने के लिए नाज़नीन अंसारी ने सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के साथ श्री संकट मोचन मन्दिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ कर तनाव को कम करने का काम किया था। मुस्लिम बेटियों को शिक्षित होने और आत्मनिर्भर बनने का अभियान चला रही है। वर्ष 2024 में नाज़नीन की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद का सदस्य मनोनीत किया था, अब उनको कार्यकारी बोर्ड का सदस्य मनोनीत कर दिया गया है। यह बोर्ड उर्दू भाषा के विकास के लिए विभिन्न फैसलों को लागू करने के लिए काम करता है। सदस्य मनोनीत होने पर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि उर्दू भाषा के विकास के लिए जरूरी है कि भारत के महा नायकों के बारे में उर्दू में लिखा जाए। रामचरितमानस, गीता को उर्दू में भी लिखा पढ़ा जाए। भारत की महान संस्कृति को उर्दू में भी पढा जाए और हिन्दी से मजबूत रिश्ता बने।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top