
गाजा पट्टी/ तेल अवीव, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गाजा में युद्धविराम समझौते के अनुरूप आज अब से कुछ मिनट पहले आतंकवादी समूह हमास ने सात इजराइली बंधकों को रेडक्रॉस को सौंप दिया । हमास बाकी जीवित बंधकों को लगभग दो घंटे बाद छोड़ेगा। बंधकों की रिहाई की खबर सुनकर उनके परिवार भावुक हो गए। कई तो रो पड़े। अब सब उनके घर लौटने का इंतजार है।
द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार के अनुसार, इजराइल के तेल अवीव में बंधक चौक पर विशाल स्क्रीन पर गाजा से लाइव प्रसारण चल रहा है। सरकार ने इसका बंदोबस्त किया है। लोग टकटकी लगाए प्रसारण को देख-सुन रोमांचित हो रहे हैं। तालियां बजाई जा रही हैं। कई लोग बंधकों की तस्वीरों वाले झंडे या पोस्टर लहरा रहे हैं। यहां लोग काफी पहले से पहुंचे हुए हैं। कुछ बंधकों के परिवार रीम मिलिट्री एयर बेस पर मौजूद हैं। बंधकों को यहीं लाया जाना है।
बंधक और लापता परिवार मंच ने लोगों के साथ रात भर बंधक चौक पर जश्न मनाया है। शेष बंधकों को सुबह 10 बजे खान यूनिस और अन्य क्षेत्रों से रिहा किया जाएगा। इजराइल ने पहले संकेत दिया था कि रिहाई का दूसरा चरण सुबह नौ बजे होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी लगभग नौ बजे इजराइल पहुंचना है। एक घंटे की कथित देरी का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
तेल अवीव को बंधकों के स्वागत के लिए सजाया गया है। उन अस्पतालों के आसपास की सड़कों को बैनर और कलाकृतियों से सजाया गया है जहां उन्हें सबसे पहले ले जाया जाएगा। यह अस्पताल हैं- रमत गान स्थित शेबा मेडिकल सेंटर, तेल अवीव स्थित तेल अवीव सौरास्की (इचिलोव) मेडिकल सेंटर और पेटा टिकवा स्थित बेइलिन्सन मेडिकल सेंटर। एक बैनर पर लिखा है, आखिरकार घर पहुंच गए! दूसरे पर लिखा है: हम कब से आपका इंतजार कर रहे थे।
बंधकों की वापसी के बाद इजराइल से रिहा होने वाले कैदियों की सूची में गाजा निवासी अहमद महमद जमील शाहदा का नाम भी है। उस पर 1989 में किशोर के साथ बलात्कार और हत्या करने का दोष साबित हो चुका है।दरअसल अदालत ने फैसले में इस अपराध को आतंकवादी कृत्य नहीं माना था। आतंकवाद का आरोप न होने के बावजूद शहादा को इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते के तहत रिहाई के योग्य माना गया है। गाजा में बनाए गए 48 इजराइली नागरिकों के बदले ऐसे करीब 250 फिलिस्तीनी रिहा किए जाएंगे
इजराइल सरकार ने रिहाई के लिए निर्धारित फिलिस्तीनी कैदियों की सूची में अंतिम समय में बदलाव को मंज़ूरी देने के लिए देर रात टेलीफोन पर मतदान कराया। इस मतदान के बाद सूची में शामिल दो कैदियों को रिहाई के लिए अयोग्य माना गया। उनमें से एक को पहले ही रिहा किया जा चुका है और दूसरे का संबंध हमास के बजाय फतह से है।
सीएनएन न्यूज चैनल के अनुसार, शुक्रवार से प्रभावी हुए युद्धविराम के बाद से रविवार तक गाजा पट्टी में बिछे मलबे से कम से कम 295 शव बरामद हुए हैं। इजराइल और हमास के युद्ध से लगभग दो साल में गाजा में भारी तबाही हुई है। इमारतें मलबे में तब्दील हो चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, युद्ध की शुरुआत से अब तक इजराइली हमलों ने 4,30,000 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया है। इससे 6.1 करोड़ टन मलबा फैला हुआ है। गाजा नागरिक सुरक्षा के एक प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि माना जा रहा है कि लगभग 10,000 फिलिस्तीनी अभी भी गाजा में मलबे के नीचे दबे हुए हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
