Jammu & Kashmir

जम्मू में आपदा प्रबंधन की नाकामी उजागर: हकीम मोहम्मद यासीन

जम्मू, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हकीम मोहम्मद यासीन ने जम्मू प्रांत में हुई भीषण बारिश, बादल फटने और फ्लैश फ्लड्स से भारी जनहानि पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मंगलवार और बुधवार को रियासी और डोडा जिलों में हुई इस त्रासदी में कम से कम 41 लोगों की जान गई, जिनमें बड़ी संख्या में वैष्णो देवी के श्रद्धालु भी शामिल थे। यासीन ने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

उन्होंने कहा कि यह आपदा इस बात का कड़ा संकेत है कि जम्मू-कश्मीर अब भी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बेहद असुरक्षित है। जब देशभर से श्रद्धालु वैष्णो देवी आते हैं, तब ऐसी त्रासदी पूरे क्षेत्र को हिला देती है और परिजनों को अकल्पनीय पीड़ा देती है। यासीन ने प्रशासन की कमजोर आपदा तैयारी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 2014 की विनाशकारी बाढ़ के बाद भी सरकार ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। शुरुआती चेतावनी प्रणाली कमजोर है, तटबंध असुरक्षित हैं और संकट की घड़ी में विभागों के बीच तालमेल बेहद खराब रहता है। उन्होंने प्रशासन की “कागजों तक सीमित” आपदा प्रबंधन नीति की निंदा करते हुए कहा कि हर साल लोग जान गंवाने को मजबूर हैं, जबकि सरकार केवल बाद में सलाह जारी करती है।

उन्होंने तत्काल और वैज्ञानिक एक्शन प्लान बनाने की मांग की, जिसमें बाढ़ नियंत्रण उपाय, तटबंधों की मजबूती, जल निकासी व्यवस्था और आपदा-प्रवण जिलों में बचाव ढांचे की स्थापना शामिल हो। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से प्रभावित परिवारों और बाहर से आए श्रद्धालुओं को तत्काल राहत और मुआवजा देने की अपील की। यासीन ने कहा कि सरकार को अब केवल आश्वासनों से आगे बढ़कर ठोस और समयबद्ध कदम उठाने होंगे, अन्यथा जम्मू-कश्मीर बार-बार ऐसी त्रासदियों का सामना करता रहेगा।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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