
फरीदाबाद, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । फरीदाबाद जिले में हैफेड कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सात अक्टूबर से हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का असर अब सीधे किसानों पर पड़ रहा है, क्योंकि हैफेड केंद्रों से खाद और बीज की आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई है। हैफेड में कार्यरत असिस्टेंट मैनेजर सतवीर सिंह ने बताया कि सभी कर्मचारी अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया। इसी कारण मजबूर होकर उन्होंने काम बंद कर दिया है। सतवीर सिंह ने बताया कि राज्य की सहकारी समितियां किसानों के लिए खाद, बीज और कीटनाशक दवाइयां खरीदने और उपलब्ध कराने का काम करती हैं। इसके बदले उन्हें हैफेड प्रशासन की ओर से कमीशन दिया जाता है। पिछले 10 से 12 सालों से यह कमीशन 0.25 प्रतिशत (लगभग 5 प्रति क्विंटल) तय है। वहीं गेहूं की खरीद पर समितियों को केवल 1.33 प्रति क्विंटल कमीशन दिया जाता है, जिससे उनके खर्च पूरे नहीं हो पाते। कर्मचारियों की मांग थी कि गेहूं और धान की खरीद पर कमीशन बढ़ाया जाए, लेकिन इसके बजाय पिछले महीने हुई बैठक में हैफेड प्रशासन ने धान पर मिलने वाला 5.80 का कमीशन घटाकर 1.33 कर दिया। इस फैसले से समितियों को लगभग 77 प्रतिशत नुकसान झेलना पड़ रहा है। सतवीर सिंह ने बताया कि पूरे हरियाणा में 69 सहकारी समितियां हड़ताल पर हैं और अपने-अपने जिला कार्यालयों पर धरना दे रही हैं। फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में भी कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
