
रांची, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल और चक्का जाम आंदोलन के तहत राजधानी रांची में विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों का बुधवार को केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। हडताल को लेकर बुधवार को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर सुबह से ही मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता जुटे। इस दौरान भाकपा के नेता अजय कुमार सिंह और झामुमो के रांची जिला संयोजक मुस्ताक अहमद ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की।
मौके पर अजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है। चार लेबर कोड लागू कर केंद्र सरकार ने करोड़ों मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों को छीन लिया है। आज देश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रमिक सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार चुप है। यह चुप्पी अब नहीं चलेगी। हम गांव-गांव, गली-गली तक इस आवाज को पहुंचाएंगे और मजदूरों के खिलाफ लाए गए काले कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को विवश करेंगे।
वहीं झामुमो नेता मुस्ताक अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने मजदूरों, किसान और गरीबों को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। आउटसोर्सिंग, असमान वेतन, रिटायर कर्मियों को बकाया भुगतान में लापरवाही, इन तमाम मुद्दों को लेकर अब कोई चुप नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि झामुमो इस संघर्ष में मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
मौके पर सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि जब तक मजदूरों की मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, कांग्रेस के संजीव कुमार, राजद के रंजन यादव, एटक के अशोक यादव, सच्चिदानंद मिश्रा, भाकपा माले के विनोद सिंह, शुभेंदु सेन, सीटू के प्रतीक मिश्रा, माकपा के समीर दास, कर्मचारी महासंघ के सुनील साहू, सुखनाथ लोहारा, छुमु उरांव सहित कई संगठनों के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
