
– सभी शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों में परिवाद समिति का गठन अनिवार्य
– समिति का गठन न करने पर 50 हजार रुपये तक का अर्थदण्ड करने का प्रावधान
ग्वालियर, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न रोकने एवं निवारण अधिनियम 2013 के तहत प्रत्येक शासकीय एवं अशासकीय कार्य स्थलों पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया गया है। समितियों को कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिनियम के संबंध में शुक्रवार को मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा ग्वालियर में जिला पंचायत सभाकक्ष में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य महिला आयोग के सचिव सुरेश तोमर ने विशेषज्ञ के रूप में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
कार्यशाला में सभी शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों में गठित आंतरिक परिवाद समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण के साथ ही कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास उपासना राय, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास राहुल पाठक, एनजीओ प्रतिनिधि उमेश वशिष्ठ, आंतरिक परिवाद समिति के अध्यक्ष अर्चना राठौर उपस्थित थीं।
कार्यशाला के प्रारंभ में कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास उपासना राय ने बताया कि जिले में 150 से अधिक शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों में समितियों का गठन किया जा चुका है। इन समितियों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। इसके साथ ही समिति के अध्यक्षों व सदस्यों से भी अधिनियम की जानकारी अधिक से अधिक महिलाओं को देने का आग्रह किया गया है।
मध्य प्रदेश महिला राज्य आयोग के सचिव सुरेश तोमर ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को महिला उत्पीड़न की रोकथाम के संबंध में अधिनियम बनाने की पृष्टभूमि के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासकीय एवं अशासकीय कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस अधिनियम का गठन किया गया है। 10 या 10 से अधिक महिलायें होने पर कार्यालयों में समिति का गठन अनिवार्य किया गया है। अधिनियम के तहत किसी कार्यालय में अगर आंतरिक परिवाद समिति का गठन नहीं किया जाता है तो अधिनियम के तहत 50 हजार रूपए तक के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने समिति के सभी अध्यक्षों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने कार्यस्थलों पर आंतरिक समिति का बोर्ड भी डिस्प्ले कराएं।
कार्यशाला में सामाजिक संस्था के संयोजक उमेश वशिष्ठ ने भी अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं और पुरुषों को समान व्यवहार मिले, इसके लिये निर्धारित समिति सक्रियता से अपने कार्य को अंजाम दे। कार्यशाला में महिलाओं द्वार पूछे गए प्रश्नों का भी सकारात्मक जवाब दिया गया। कार्यशाला के प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास अधिकारी राहुल पाठक ने महिला राज्य आयोग के सचिव सुरेश तोमर का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
(Udaipur Kiran) तोमर
