Madhya Pradesh

ग्वालियरः कलेक्टर ने की नगर निगम सहित जिले के नगरीय निकायों के विकास कार्यों की समीक्षा

ग्वालियरः कलेक्टर ने की नगर निगम सहित जिले के नगरीय निकायों के विकास कार्यों की समीक्षा

– विकास कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण कराने पर दिया जोर, धीमी प्रगति के लिए सीएमओ एवं उपयंत्रियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

ग्वालियर, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नगर निगम सहित जिले के सभी नगरीय निकायों में चल रहे विकास कार्यों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की कलेक्टर रुचिका चौहान ने रविवार को समीक्षा की। उन्होंने सड़कों की मरम्म्त सहित विकास कार्यों में गति लाने और गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। विकास कार्यों की निरंतर मॉनीटरिंग करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि जो ठेकेदार समय पर व गुणवत्ता के साथ कार्य नहीं करा रहे हैं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।

कलेक्टर ने सम्पत्तिकर व जल कर की वसूली में तेजी लाने पर जोर दिया और इन करों की वसूली के लिये विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जिन नगरीय निकायों में लंबे समय से जल कर रिवाइज नहीं हुआ है वहाँ निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर जल कर निर्धारित किया जाए। साथ ही कहा कि व्यवसायिक व घरेलू नल कनेक्शन पर जल कर अलग-अलग होना चाहिए। जो वार्ड संपत्तिकर व जल कर भरने में अग्रणी हैं उन्हें विकास कार्यों व शासन की अन्य योजनाओं में प्राथमिकता देने की पहल करें।

जिले की जिन नगरीय निकायों में विशेष निधि एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से चल रहे विकास कार्यों की प्रगति ठीक नहीं है, वहाँ के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं उप यंत्रियों की वेतन वृद्धि रोकने के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों में बगैर अनुमति के भवन व अन्य निर्माण कार्य करने की प्रवृत्ति को रोकने पर बल दिया। नगर पंचायत आंतरी में यह स्थिति ठीक न पाए जाने पर यहाँ के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।

कलेक्ट्रेट में रविवार को हुई बैठक में ग्वालियर नगर निगम तथा नगर पालिका डबरा एवं नगर परिषद भितरवार, आंतरी, बिलौआ, पिछोर व मोहना में मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना व कायाकल्प योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत चल रहे विकास कार्य, संपत्तिकर व जल कर की वसूली, नामांतरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम स्वनिधि, “मैं भी डिजिटल” अभियान, भवन निर्माण अनुमति सहित सरकार द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में अपर आयुक्त नगर निगम प्रदीप तोमर व मुनीष सिकरवार एवं प्रभारी परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण एवं डिप्टी कलेक्टर उमेश कौरव सहित जिले के अन्य नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

पुराने पीएम आवास पूर्ण कराएँ और पीएम आवास योजना 2.0 का कराएँ अनुमोदन

कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश दिए कि सभी नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन हितग्राहियों को अंतिम किस्त जारी की जा चुकी है लेकिन अभी तक आवास पूर्ण नहीं हुए हैं, उनको सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण कराएं। उन्होंने इन हितग्राहियों की सूची भी निकायवार मांगी है। साथ ही पीएम आवास योजना 2.0 की सूची का अनुमोदन कराने के लिये भी कहा। कलेक्टर ने कहा कि आवासों के लिये नगरीय निकायों को अगर भूमि की आवश्यकता है, तो उसके लिये निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन किया जाए, ताकि जमीन आवंटन की कार्रवाई हो सके। उन्होंने ग्वालियर नगर निगम के उपयंत्री द्वारा पोर्टल पर गलत जानकारी अंकित करने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही डबरा एवं आंतरी में किए गए कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य है कि शहरी क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति कच्ची छत के नीचे न रहे। इसके लिये सभी नगरीय निकाय सर्वेक्षण कर पात्र लोगों का चयन करें। साथ ही योजना के तहत जितने भी आवास निर्मित किए जा रहे हैं उनकी जियो टैगिंग भी की जाए।

अग्निशमन दस्ते में बढ़ाएं “क्विक रिस्पोंस व्हीकल”, वैकल्पिक फायर ब्रिगेड भी तैयार करें

कलेक्टर ने ग्वालियर नगर निगम के अग्निशमन दस्ते में “क्विक रिस्पोंस व्हीकल” की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि नगर निगम सहित जिले के सभी नगरीय निकायों में उपलब्ध फायर ब्रिगेड की सर्विस व मरम्मत कराकर 24 घंटे चालू हालत में रखें। उन्होंने जिले के अन्य नगरीय निकायों में पानी के टैंकर में मोटर लगाकर इन्हें मिनी फायर ब्रिगेड के रूप में तब्दील करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिये धनराशि जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि धान की फसल को ध्यान में रखकर एहतियात बतौर जल्द से जल्द यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

“मैं भी डिजिटल” अभियान को गंभीरता से लें

कलेक्टर रुचिका चौहान ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लाभान्वित कराए गए हितग्राहियों को “मैं भी डिजिटल” अभियान के तहत डिजिटल लेनदेन के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम सहित जिले के किसी भी नगरीय निकाय में इन हितग्राहियों का व्यवसायिक लेनदेन कम से कम 75 प्रतिशत डिजिटल होना चाहिए।

(Udaipur Kiran) तोमर

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