
– कलेक्टर ने दिए निर्देश- चिन्हित अति कम वजन के सभी बच्चों को एनआरसी की सेवाएं दिलाएं
ग्वालियर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को ग्राम हरसी में गृह भेंट के दौरान मिली अति कम वजन की बच्ची को चिकित्सक की सलाह पर बेहतर चिकित्सा के लिये एनआरसी भितरवार से कमलाराजा चिकित्सालय के एमएसटीयू में भर्ती कराया गया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को जिले में चिन्हित कम वजन के सभी बच्चों को एनआरसी की सुविधाएं दिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जिले में संचालित सभी एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग करें और कोई भी अति कम वजन का बच्चा एनआरसी की सेवाओं से वंचित नहीं रहना चाहिए। साथ ही कहा है कि एनआरसी से छुट्टी के बाद सभी बच्चों का लगातार फोलोअप भी सुनिश्चित करें।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय द्वारा रविवार की जानकारी दी गई है कि जिस अति कम वजन की बच्ची को कमलाराजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसका जन्म सितम्बर 2023 में हरसी में हुआ था। जन्म के 15 दिन बाद उसकी माता सोमवती बच्ची के साथ अपने मायके श्योपुर जिले के ग्राम पर्वती बड़ौदा में रहने चली गई। माता सहित बालिका के गाँव से चले जाने के कारण आगे फोलोअप नहीं हो सका। वह कभी-कभार एक- दो दिन के लिये हरसी आती-जाती रहती थी। मार्च 2025 में होली पर वह दो दिन के लिये हरसी आई थी। इसके बाद फिर अपने मायके चली गई। गत 21 जुलाई को वह पुन: हरसी आईं थीं। इसी दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट के दौरान 22 जुलाई को उसकी बेटी को अति कम वजन का पाए जाने पर 23 जुलाई को एनआरसी भितरवार में भर्ती करा दिया। डॉक्टर की सलाह पर बेहतर चिकित्सा के लिये इस बच्ची को 25 जुलाई को कमलाराजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया गया कि ब्रिटानिया न्यूट्रीशियन फाउण्डेशन के समन्वयक ने भी अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट किया है कि यह बालिका 12 मई 2024 को सामान्य अवस्था में थी। उस समय उसका वजन 5.8 किलोग्राम एवं लम्बाई 64 सेंटीमीटर थी। माता सहित बालिका के गाँव से चले जाने के कारण यह बालिका ट्रैक नहीं की जा सकी। अति कुपोषित बच्ची की माता सोमवती के कथन दिया है कि उनके आधार कार्ड सहित सारे कागजात उसके मायके ग्राम पार्वती बडौदा विकासखंड विजयपुर जिला श्योपुर में रखे हैं। वर्तमान में उसके पास कोई दस्तावेज नहीं है। सोमवती के अनुसार दस्त लगने एवं कमजोर होने पर उसने अपनी बच्ची को विजयपुर के स्थानीय डॉक्टर को दिखाया था।
(Udaipur Kiran) तोमर
