Jharkhand

गुरूजी की रात्र‍ि पाठशाला सामाजिक बदलाव की थी मिशाल : डॉ. बीपी वर्मा

श्रद्धांजलि देते कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत अन्य

रांची, 6 अगस्त (Udaipur Kiran) । रांची विश्वविद्यालय के एस.एस. मेमोरियल कॉलेज, रांची में बुधवार को स्वर्गीय शिबू सोरेन की स्मृति में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं ने दो मिनट का मौन रखा और शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीपी वर्मा ने इस मौके पर शिबू सोरेन के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरुजी द्वारा शुरू की गई रात्रि पाठशाला केवल एक शैक्षणिक पहल नहीं थी, बल्कि वह सामाजिक बदलाव की मशाल थी। शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का उनका वह प्रयास आज भी हमारे लिए एक मार्गदर्शक है।

उन्‍होंने कहा कि गुरुजी अलग झारखंड राज्य आंदोलन के पुरोधा थे। उन्होंने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत साधारण जनसेवा से शुरू की, जो आगे चलकर एक ऐतिहासिक राजनीतिक आंदोलन में परिवर्तित हुआ। आज भले ही वे शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके विचार, उनका संघर्ष और उनके सिद्धांत झारखंड की आत्मा में सदा जीवित रहेंगे।

प्राचार्य ने कहा कि गुरूजी ने आदिवासी मूलवासियों के अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई जिस निष्ठा और दृढ़ता से लड़ी। वह अतुलनीय है। शायद ही किसी नेता ने आदिवासियों के लिए इतनी लगातार, निर्भीक और ज़मीनी लड़ाई लड़ी हो। उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, आत्मबल और जननायकत्व की गाथा है। उनके जीवन पर एक प्रेरणादायक बायोपिक अवश्य बननी चाहिए, जिससे नई पीढ़ी उनके संघर्षों और विचारों से प्रेरणा ले सके।

श्रद्धांजलि अर्पित करनेवालों में डॉ. रानी प्रगति प्रसाद, एन.के. पांडेय, आर.एन. सिंह, डॉ. सावित्री कुमारी, डॉ. सीमा सुरीन, डॉ. अनुपमा सिंह, डॉ. तनुज खत्री, शिबली अख्तर, डॉ. अभिषेक, डॉ. मानकी, डॉ. रवि दास, मुकेश उरांव, डॉ. उषा कीड़ो, डॉ. लक्ष्मी कुमारी, रुकैया रसूल, जितेंद्र सिंह, जावेद, अभिषेक, विजय, सुशील सहित अनेक शिक्षकगण एवं कर्मचारी शामिल रहे।

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar

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