Haryana

गुरुग्राम: अमृतकाल में युवा बनें पॉलिसी मेकर, न कि पॉलिसी टेकर: नायब सिंह सैनी

गुरुग्राम स्थित हरियाण लोक प्रशासन संस्थान में युवा मॉक पार्लियामेंट में बोलते सीएम नायब सिंह सैनी।

-युवा मॉक पार्लियामेंट नीति-निर्माण की एक जीवंत प्रयोगशाला

-मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम की धरती से युवाओं को दिया राष्ट्र निर्माण का मंत्र

गुरुग्राम, 28 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि युवा मॉक पार्लियामेंट सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, यह लोकतंत्र का उत्सव और नीति-निर्माण की एक जीवंत प्रयोगशाला है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस मॉक पार्लियामेंट के माध्यम से देश को यह स्पष्ट संदेश दें कि लोकतंत्र की रक्षा ही हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री शनिवार को गुरुग्राम में आयोजित युवा मॉक पार्लियामेंट में युवाओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि युवा मॉक पार्लियामेंट केवल एक शैक्षणिक अभ्यास भर नहीं है, बल्कि आज के दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में भी याद करते हुए, आपातकाल के उस काले अध्याय पर विमर्श करने का अवसर है, जिसने लोकतंत्र की आत्मा को कुचलने का दुस्साहस किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम की धरती पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, बल्कि लोकतंत्र की एक सशक्त प्रयोगशाला के रूप में इसकी भूमिका अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि गुरु द्रोण की इस पावन भूमि और मिलेनियम सिटी के रूप में प्रसिद्ध गुरुग्राम ने हमेशा नवाचार और आकांक्षा की भावना को आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे आप जैसे ऊर्जावान युवाओं को देखते हैं, तो विकसित भारत और विकसित हरियाणा का संकल्प और भी सुदृढ़ हो जाता है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल की यह पीढ़ी ही वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर करेगी। इस लक्ष्य की प्राप्ति में युवा मॉक पार्लियामेंट मील का पत्थर साहिब होगी। सीएम नायब सिंह सैनी ने युवाओं से कहा कि वे संसद को केवल एक इमारत के रूप में न देखें बल्कि उसे 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं के केंद्र के रूप में समझें।

वह आपातकाल नहीं, अन्याय काल था: गौरव गौतम

इस अवसर पर खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को केवल आपातकाल कहना उस दौर की क्रूरता को कम करके आंकना होगा। असल में वह अन्याय काल था, जब संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आम नागरिकों के अधिकारों का बेरहमी से दमन किया गया। जब कोई चुना हुआ प्रतिनिधि तानाशाही की राह पर चल पड़ता है और सत्ता के मद में संविधान तक की अवमानना करता है, तब लोकतंत्र पर जो कुठाराघात होता है, उसका सबसे बड़ा उदाहरण आपातकाल है। इस दौरान उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल कौशिक, विधायक मुकेश शर्मा, तेजपाल तंवर, विमला चौधरी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran)

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