
-नगरों को स्मार्ट ही नहीं, बल्कि समर्थ, समावेशी और सतत बनाएं जनप्रतिनिधि
-दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन के समापन समारोह में डिप्टी स्पीकर ने कही यह बात
गुरुग्राम, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिढा ने कहा कि एक उत्कृष्ट शहरी निकाय वही है जो शहर की आत्मा को समझे। जहां इमारतें ही ऊंची ना हों, सोच भी व्यापक हो। ऐसा शहरी निकाय ही हमारे लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती देता है। सही मायने में ऐसे निकायों का राष्ट्र निर्माण पूरा योगदान है। डिप्टी स्पीकर शुक्रवार को राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि अपने-अपने नगरों को स्मार्ट ही नहीं, बल्कि समर्थ, समावेशी और सतत बनाएं-ताकि विकसित भारत का सपना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक धरातलीय सच्चाई बन सके। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि हरियाणा पहले से ही शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में पारदर्शिता, ई-गवर्नेस और नागरिक भागीदारी के कई सफल उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है। चाहे वह गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे नगर निगम हों या अन्य जिलों में नगर परिषद, सभी स्थानों पर हमने नागरिकों को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई हैं। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि इस सम्मेलन में संवैधानिक लोकतंत्र की मजबूती और राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका जैसे विषय पर गहन चर्चा न केवल सामयिक है, बल्कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में भी अत्यंत प्रासंगिक है।
शहरी निकायों की सशक्तता केवल कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए। एक आदर्श नगर निकाय तब बनेगा जब हर नागरिक को यह भरोसा हो कि उसकी आवाज सुनी जाती है, उसकी समस्या केवल एक फाइल में नहीं, बल्कि समाधान की प्रक्रिया में बदलती है। उन्होंने कहा कि जब सभी राज्य अपने-अपने नगर निकायों को सशक्त, उत्तरदायी और नागरिकों के लिए जवाब देह बनाएंगे, तभी हम संवैधानिक लोकतंत्र को उसकी पूर्णता में अनुभव कर पाएंगे।
उन्होंने दोहराया कि ऐसा शहरी स्थानीय निकाय, जहां हर निर्णय नागरिकों की भागीदारी से हो, जहां मोहल्ला सभाओं और वार्ड समितियों के माध्यम से जनता की आवाज नीतियों में परिवर्तित होती हो। डिजिटल तकनीकों के प्रयोग से प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल हों, शिकायतों का समाधान समयबद्ध हो, और प्रत्येक सेवा चाहे वह पानी हो, सफाई हो या स्वास्थ्य गुणवत्ता के साथ सुलभ हो,जिससे आमजन को सुव्यवस्थित सुविधा उपलब्ध होंगी। डॉ. मिढा ने कहा कि एक आदर्श नगर निकाय वह है, जो पर्यावरण-संवेदनशील, नवाचार-प्रेरित और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने वाला हो। युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं, स्मार्ट योजनाओं के माध्यम से सडक़ें, रोशनी, पार्क और परिवहन सुरक्षित व सुलभ हो सके। वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर, आपदाओं के प्रति सजग और विकसित भारत 2047 के सपने को जमीनी रूप देने वाला एक ऐसा निकाय यही एक उत्कृष्ट शहरी शासन की सजीव परिकल्पना है।
(Udaipur Kiran)
