
-जन जागरुकता व जन भागीदारी से दो साल में लखनऊ नगर निगम बना देशभर में अव्वल
-वेस्ट से बेस्ट पॉलिसी अपनाकर पुणे बना शहरी निकाय का बेहतरीन उदाहरण
-गुरुग्राम में शहरी निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत की गई देश भर की बेस्ट प्रेक्टिस
गुरुग्राम, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । मानेसर में गुरुवार को आयोजित प्रथम शहरी निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन निकायों के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अन्य राज्यों के साथ सर्वोत्तम अभ्यास (बेस्ट प्रेक्टिस) सांझा किए। लखनऊ, पुणे और इंदौर नगर निगम का नाम सर्वोत्तम शहरी निकायों की सूची में शामिल है।
लखनऊ ने डीजल पट्रोल की जगह कूड़ा एकत्रित करने के लिए ई-व्हीकल का उपयोग, विस्तृत क्षमता के कूड़ा निस्तारण प्लांट, डंपिंग प्वाईंट को राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल में परिवर्तित करने जैसी पहल साझा की। पुणे ने वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन, वार्ड वाइज लगाए गए बायोगैस सेंटर से इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन, इंदौर ने कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों के जीपीएस सिस्टम, सफाई मित्र और स्वच्छता में जनभागीदारी के उदाहरण सांझा किए। लखनऊ की मेयर सुषमा खरकवाल ने बताया कि 2047 के विकसित भारत की नींव मजबूत और सुदृढ शहरी निकाय पर आधारित है। इसमें नागरिक जागरुकता और सहभागिता के साथ सक्षम प्रतिनिधियों का मुख्य स्थान है।
उन्होंने कहा कि लगभग 50 लाख की आबादी के बावजूद लखनऊ जीरो वेस्ट शहर बनकर उभरा है। यहां मियावाकी तकनीक से सिटी फॉरेस्ट बनाए गए है। सडक़ों की सफाई के लिए मैकेनिकल स्वीपर उतारे गए है। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मैंगों म्यूजियम पार्क जैसे नेचर ट्रेल विकसित किए जा रहे है। कुरेत नदी के किनारे 20 हजार से अधिक पेड़ लगाकर एक पेड़ मां के नाम राष्ट्रीय मुहिम में योगदान दिया है।
वेस्ट से बेस्ट पॉलिसी अपनाकर पुणे बना बेहतरीन उदाहरण
पुणे में 2007 से अपनाई जा रही वेस्ट मैनेजमेंट रणनीति से स्थानीय लोगों की रोजमर्रा जिंदगी में लाभदायक परिणाम देखने को मिल रहे है। पुणे नगर निगम कमिश्नर पुनीत राज और वार्ड पार्षदों ने यहां के वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन और वार्ड वाइज लगाए गए बायोगैस सेंटर से इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन के उदाहरण मंच पर रखे। इसी के साथ वार्ड सभा में जरूरी संशोधन के बाद स्लम को घर में तब्दील करने के सफल उदाहरण गिनवाएं। इसी तरह लाइट हाउस मॉडल पीपीपी के जरिए सफल बनाने की इबारत भी इस मंच पर साझा की। सतत विकास का अनोखा उदाहरण पेश करते हुए पुणे में शुरू की गई ट्री-एम्बुलेंस और कॉल सेंटर के अलावा स्मार्ट वॉटर मीटर और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कॉपरेटिव के तहत अपनाई स्वच्छ पहल सभी के साथ सांझा की। इसी तरह 26 ट्रिपल आर सेंटर बनाए गए है। यहां अनुपयोगी वस्तुओं को जरूरतमंद लोगों के लिए रखा जाता है।
(Udaipur Kiran)
