
-आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा
-केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐतिहासिक फैसलों पर उद्योग जगत उत्साहित
गुरुग्राम, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में अनुमोदित एक लाख करोड़ रुपये की अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना तथा 99 हजार 446 करोड़ रुपये की रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना ने देश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को एक नई गति देने की उम्मीद जगाई है। उद्योग जगत ने भी इन दूरदर्शी योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया है।
सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन और कैपेरो मारुति के सीईओ विनोद बापना ने यहां जारी बयान में इन योजनाओं को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ये निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हैं। विनोद बापना ने कहा कि ये योजनाएं भारत को विनिर्माण और नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी। निवेश, रोजगार और नवाचार के इस संगम से, भारत तीव्र और समावेशी आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि आरडीआई योजना नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे नए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं का विकास होगा। यह हमारी कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और उच्च-मूल्य वाले रोजगार के अवसर पैदा करेगा। बापना ने ईएलआई योजना की भी सराहना की, जिसका उद्देश्य रोजगार सृजन को सीधे प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा कि ईएलआई योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल उद्योगों को अपना विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी बल्कि कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगी। यह हमारे युवाओं के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन और कैपेरो मारुति के सीईओ विनोद बापना ने कहा कि इन दोनों योजनाओं को एक साथ देखने पर यह स्पष्ट है कि सरकार का लक्ष्य एक आत्मनिर्भर और नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। आरडीआई योजना भारतीय उद्योगों को अनुसंधान और विकास में भारी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे उन्हें अत्याधुनिक तकनीक अपनाने और वैश्विक बाजार में अग्रणी बनने में मदद मिलेगी। वहीं ईएलआई योजना यह सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, विशेष रूप से उन लोगों तक जिन्हें रोजगार के अवसरों की सबसे अधिक आवश्यकता है।
(Udaipur Kiran)
