
देहरादून, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कल यानी 15 सितम्बर को उत्तराखण्ड के राज्यपाल के पद पर 4 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं। पदभार ग्रहण करने के बाद ही उन्होंने उत्तराखण्ड के विकास के लिए रिवर्स पलायन, महिला सशक्तीकरण एवं बालिका शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं तकनीकी, जैविक एवं प्राकृतिक कृषि और वेलनेस सहित पाँच मिशन निर्धारित किए थे। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वे लगातार प्रयासरत रहे हैं। राज्यपाल ने अपने चार साल के कार्यकाल में कई उपलब्धियां दर्ज की।
वन यूनिवर्सिटी वन रिसर्च
सभी राजकीय विश्वविद्यालयों और 5 निजी विश्वविद्यालयों को राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए क वर्ष तक अपने गहन शोध के माध्यम से लघु शोध प्रबन्ध प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी विशेषज्ञता के अनुसार अपने शोध के विषय का चयन किया गया है। सभी विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी शोध रिर्पोट प्रस्तुत कर दी गई है, इन शोध का जल्द ही धरातल में प्रभावी क्रियान्वन शुरु किया जाएगा।
उत्तराखण्ड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल
राज्यपाल के निर्देशन में राजकीय विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं संस्थानों की संबद्धता प्रक्रिया को सुगम एवं प्रभावी बनाए जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत संबद्धता देने वाले पांच विश्वविद्यालयों की संबद्धता प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है इससे संबद्धता प्रक्रिया पारदर्शी होने के साथ-साथ समयबद्ध ढंग से चल रही है।
कुलपति चयन में पारदर्शिता
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इंटरेक्शन में पारदर्शिता लाने के लिए इंटरेक्शन की वीडियो रिकॉर्डिंग की शुरुआत की है। उन्होंने विश्वविद्यालयों की जवाबदेही और स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए नियुक्तियों तथा कार्य परिषदों की बैठकों में पूर्ण पारदर्शिता तथा शुचिता के दृष्टिगत बैठकों तथा तत्संबंधी कार्यवाहियों की नियमित रूप से वीडियो रिकॉर्डिंग करने के निर्देश जारी किए हैं।
यूनिवर्सिटी कनेक्ट और यूनिसंगम मोबाइल एप
राज्यपाल की प्रेरणा से राजकीय विश्वविद्यालयों के लिए ‘‘यूनिवर्सिटी कनेक्ट उत्तराखण्ड’’ और निजी विश्वविद्यालयों के लिए ‘‘यूनिसंगम’’ मोबाइल एप का प्रारंभ किया है जिसके द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के पास अपनी उपलब्धियों, बेस्ट प्रैक्टिसेज, कार्यक्रमों, विषय-विशेषज्ञों, सूचनाओं, स्टार्टअप, शोध और विकास को आपस में और राजभवन के साथ ऑनलाइन संवाद के जरिए साझा किए जाने की सुविधा उपलब्ध है।
निजी विश्वविद्यालयों की बैठक राज्यपाल की पहल पर पहली बार निजी विश्वविद्यालयों की बैठकें की गई जो अब निरंतर आयोजित की जा रही है। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफॉर्म में लाने के प्रयास किए हैं जिससे वे प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
राजभवन का एआई ऑटोमेशन सिस्टम
राजभवन देहरादून में एआई आधारित स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम के अंतर्गत ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम, ई-पास, लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम, डिजिटल डैशबोर्ड कार्य कर रहा है। राजभवन में ई-ऑफिस के अंतर्गत सभी पत्राचार और फाइलों को डिजिटली निपटाया जा रहा है। साथ ही विश्वविद्यालयों के कुलपति के अवकाश आवेदन का ऑनलाइन निराकरण किया जाता है।
राजभवन का वर्चुअल टूर
राजभवन देहरादून का दीदार करने के लिए राजभवन का वर्चुअल टूर तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से देहरादून राजभवन में लोगों को राजभवन परिसर स्थित बोनसाई गार्डन, नक्षत्र वाटिका, राजप्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर, आरोग्यधाम, राजलक्ष्मी गौशाला और पुस्तकालय के डिजिटल भ्रमण का अनुभव मिल रहा है।
राजभवन और नैनीताल में इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम
राजभवन में तकनीकी विश्वविद्यालय यूटीयू की सहायता से राजभवन के लिए इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। जिसमें राजभवन देहरादून और नैनीताल स्थित सभी इन्वेंटरी पर बार कोड लगाया गया है। इन्वेंटरी में बार कोड लगाए जाने से चीजों के प्रति पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ावा मिल रहा है। के अलावा मैत्री चैटबॉट, चारधाम यात्रा डैशबोर्ड, गार्गी नारी शक्ति’ चैटबॉट, एआई-संचालित चैटबॉट, इटरनल गुरु, राजभवन में शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती और समस्याओं का समाधान समेत अन्य उपलब्धियां उनके नाम रही।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
