जम्मू, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर कठुआ, पुंछ, किश्तवाड़ सहित कई जिलों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं पर गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट ने गहरा शोक व्यक्त किया है। ट्रस्ट ने कहा कि इन आपदाओं ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ले ली, सैकड़ों लोग घायल हुए और अनेक परिवार बेघर होकर गंभीर संकट में फंस गए हैं। लगातार बारिश से पुंछ जिले की तहसील मेंढर के गाँव सरहूती के मोहल्ला सार में गुर्जर बस्ती भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिससे 7 पक्के मकान, एक मस्जिद और एक प्राइमरी स्कूल पूरी तरह नष्ट हो गए। कई अन्य मकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है। प्रभावित परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया है और अब उन्हें आश्रय, भोजन और आर्थिक सहयोग की सख्त आवश्यकता है।
14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चासोटी गाँव में आए भीषण बादल फटने से मचैल माता यात्रा मार्ग पर भयावह बाढ़ और तबाही मच गई। कई लोगों की मौत हो गई, सैकड़ों घायल हुए और कई अब भी लापता हैं। यत्रियों के आश्रय स्थल और बुनियादी ढाँचे मिट्टी के नीचे दब गए या बह गए। इसके तुरंत बाद, 17 अगस्त को कठुआ जिले के राजबाग की जोध घाटी और जंगलोट के बगरा गाँव में बादल फटने की घटनाओं ने कई लोगों, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, की जान ले ली और अनेक घर तबाह कर दिए। इन आपदाओं ने जम्मू-पठानकोट मार्ग सहित सड़क और रेल संपर्क को बाधित कर दिया तथा स्कूलों को बंद करना पड़ा।
ट्रस्ट ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों व विस्थापितों के साथ एकजुटता जताई। साथ ही, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों की सराहना की, जो राहत और बचाव कार्यों में अपनी जान जोखिम में डालकर लगे हुए हैं। गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट ने नागरिकों से अपील की कि वे सरकारी एडवाइजरी का पालन करें, सतर्क रहें और एक-दूसरे की मदद करें। साथ ही, सरकार और संबंधित एजेंसियों से मांग की कि वे तत्काल आवश्यक सेवाओं की बहाली, प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा व पुनर्वास सुनिश्चित करें तथा संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्रों में भविष्य की आपदाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाएँ।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
