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गूंजी कबीर की वाणी, मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

गूंजी कबीर की वाणी, मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

बीकानेर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । चदरिया झीनी-रे झीनी, हे राम नाम रंग…मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में हो…सरीखी वाणी और निर्गुण भजनों के स्वरों से कालू गांव सराबोर हो गया। अवसर था राजस्थान कबीर यात्रा के आयोजन का। मलंग फोक फाउंडेशन, लोकायन संस्थान, जिला प्रशासन बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में चल रही राजस्थान कबीर यात्रा शनिवार को कालू पहुंची थी।

जहां शाम को कलाकारों ने सूफी, कबीर वाणी और निर्गुण भजनों से समां बांध दिया। कस्बे के जगदम्बा माता मंदिर प्रांगण में हुए कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों और कबीर यात्रा में शामिल यात्रियों ने तालियां बजाकर गर्मजोशी के साथ कलाकरों का हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम में एसडीएम दयानंद जी, एसएचओ धर्मवीर सिंह जी और बीडीओ किशोर चोधरी जी शामिल हुए।

कार्यक्रम में महेशाराम मेघवाल ने कबीर वाणी कबीरा चलत-चलत जुग भया, कौन बतावे धाम जी…के स्वर छेड़े तो पूरा मंदिर परिसर तालियों से गूंज उठा। कलाकार ने थारो राम हृदय माई बाहर क्यों भटके…जोगिया सहित कई सूफी, वाणी और निर्गुण भजनों को सुनाकर सभी मंत्रमुग्द कर दिया। उन्होंने अपनी गायिकी विशेष छाप छोड़ी। वहीं कार्यक्रम में कबीर लोक वाणी गायककेलम दारिया ने न जाने तेरा साहिब कैसा है…सूरत मेरी राम से लगी…सहित निर्गुण भजन और वाणियों की मधुर प्रस्ततियां दी। कार्यक्रम में कबीर कैफे ने अलग ही अंदाज की गायिकी से महफिल को रोशन कर दिया। कबीर कैफे की टीम ने जब मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में….के स्वर छेड़े तो पूरा परिसर झूम उठा। कलाकारो ने चदरिया झीनी-रे झीनी चौरासी की नींद…सरीखी निर्गुण रचनाओं की दमदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मालवा से आए कालूराम बामनिया ने कहां से आया कहां जाओगे…सुनाकर सभी को भावभिवोर कर दिया। कार्यक्रम में लुईस रोज के साथ ही स्कॉटलेंड और जपान से आई कलाकारों ने भी भागीदारी निभाई।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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