
गुना, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । कहते है कि एक अच्छे तैराक की मौत पानी में डूबने से और एक अच्छे चालक की मौत सडक़ हादसे में ही होती है। इस धारणा को एक घटना ने फिर बल दिया है। दरअसल जिले के राघौगढ़ क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत सांप के काटने से होना सामने आया है। उल्लेखनीय है कि उक्त व्यक्ति सांप पकडऩे में माहिर थे और अपने जीवन में हजारों सांप पकड़ चुके थे। यहीं कारण है कि उन्हे सर्प मित्र के नाम ख्याति मिली हुई थी। बीते रोज भी उन्होने एक सांप को पकड़ा था। जिसने उन्हे काट लिया। जिससे उनकी मौत हो गई।
बरबटपुरा से पकड़ा था सांप
कटरा मोहल्ला निवासी 42 वर्षीय दीपक महावर पुत्र लल्लू सिंह जेपी विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे। वह सांप पकडऩे का काम भी करते थे। वह बुलाने पर सांप पकडऩे जाते थे और सांप को पकडक़र जंगल में छोड़ देते थे। बरबटपुरा में एक घर से उन्होने सांप पकड़ा। जिसे वह गले में लटकाकर जंगल में छोडऩे ही जा रहे थे कि इसी दौरान उनके बालक के स्कूल से फोन आया कि स्कूल की छुट्टी हो गई है। आप अपने बालक को ले जाइए। जिस पर वह बाइक से बेटे को लेने स्कूल चले गए। जब वह अपने पुत्र को लेकर घर लौट रहे थे तो रास्ते में उन्हे सांप ने हाथ में काट लिया। बाइक पर गले में सांप को लटकाए उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
रात में बिगड़ी तबीयत और हो गई मौत
सांप के काटने के बाद दीपक अपने एक साथी की मदद से राघौगढ़ अस्पताल पहुँचे, जहां से उन्हे जिला अस्पताल भेज दिया गया। जिला अस्पताल में उपचार के बाद दीपक को आराम मिल गया। इसके बाद वह घर चले गए। अचानक फिर उनकी तबीयत बिगड़ी। जिस पर परिजन उन्हे लेकर फिर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां दौराने उपचार उनकी मौत हो गई।
पलक झपकते ही पकड़े लेते थे सांप
दीपक को सांप पकडऩे में काफी महारत थी। लोग बताते है कि वह पलक झपकते ही सांप पकड़ लेते थे। क्षेत्र में जब भी कहीं सांप निकलता तो पकडऩे के लिए दीपक को ही बुलाया जाता। एक दिन में कई जगह सांप पकडऩे पहुँचते थे।
—————
(Udaipur Kiran) / अभिषेक शर्मा
