
जोधपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । गुजरात हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक बार फिर आसाराम के अस्थायी जमानत मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत की अवधि सात जुलाई तक बढ़ा दी है। रेप केस में दोषी करार दिए जा चुके 86 वर्षीय आसाराम उम्रकैद की सजा काट रहा है और फिलहाल मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर हैं।
आसाराम की जमानत अवधि तीस जून को खत्म होनी थी, लेकिन वकीलों की दलीलों और दस्तावेजी प्रक्रिया के चलते कोर्ट ने उन्हें कुछ और दिन की राहत दे दी। आसाराम के वकील ने कोर्ट में कहा कि नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी से प्रमाण पत्र मिलना बाकी है। वकील ने यह भी कहा कि पिछली बार जमानत आदेश के बाद उन्हें जमानत की प्रक्रिया में दस दिन और लग गए, इसलिए असल में उन्हें कम समय मिला। विरोधी पक्ष के वकील ने सवाल उठाया कि आसाराम इलाज के नाम पर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जा रहे हैं, जिससे यह संदेह होता है कि वे किसी भी तरह जेल से बाहर रहना चाहते हैं।
विरोधी पक्ष के वकील ने सुझाव दिया कि जोधपुर में भी बेहतरीन आयुर्वेदिक अस्पताल और एम्स मौजूद हैं, जहां इलाज संभव है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट किया है कि अस्थायी जमानत को बार-बार बढ़ाना एक अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है, जिसे रोका जाना चाहिए। कोर्ट ने संकेत दिया कि अगली सुनवाई में फैसला हो सकता है।
आसाराम बापू की कानूनी टीम लगातार उनकी उम्र, गंभीर बीमारियों और डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए 90 दिन के पंचकर्म थेरेपी का हवाला देकर जमानत बढ़ाने की मांग कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी जनवरी 2025 में मेडिकल आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन साथ ही यह शर्त भी रखी थी कि वे अपने अनुयायियों से सार्वजनिक रूप से नहीं मिल सकेंगे और पुलिस की निगरानी रहेगी।—————
(Udaipur Kiran) / सतीश
