Gujarat

गुजरात ने ‘समुद्र से समृद्धि’ का मार्ग अपना कर राज्य के बंदरगाहों को समृद्धि का द्वार बनाया है : मुख्यमंत्री पटेल

‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’  में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री
‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’
‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’

गांधीनगर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को मुंबई में ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ के उद्घाटन अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में गुजरात ने ‘समुद्र से समृद्धि’ का मार्ग अपनाया है और राज्य के बंदरगाहों को समृद्धि का द्वार बनाया है।

राज्य सूचना विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि बंदरगाह, जहाजरानी एवं जल मार्ग मंत्रालय द्वारा बॉम्बे एग्जीबिशन सेंटर में 27 से 31 अक्टूबर के दौरान आयोजित ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पटेल ने राज्य के मैरीटाइम सेक्टर के विकास की प्रभावी प्रस्तुति की।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में इस द्विवार्षिक मेगा इवेंट का शुभारंभ किया। इस अग्रणी वैश्विक मैरीटाइम इवेंट में 100 से अधिक देशों के मैरीटाइम इंडस्ट्री के लीडर्स, इनोवेटर्स, इन्वेस्टर्स तथा स्टेकहोल्डर्स एक मंच पर सहभागी हुए।

मुख्यमंत्री पटेल ने इस समिट के उद्घाटन सत्र में गुजरात की समुद्री विरासत तथा वर्तमान वैश्विक विकास की गाथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि गुजरात में चिप तथा शिप; दोनों को विकसित करने का जो इकोसिस्टम स्थापित हुआ है, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को वेगवान बनाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात आज मैरीटाइम एक्सीलेंस का ग्लोबल लीडर बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात को ‘समुद्र से समृद्धि’ का विजन दिया, जिसके फलस्वरूप आज गुजरात विश्वभर के देशों के लिए मैरीटाइम गेटवे ऑफ द नेशन बन गया है।

भूपेंद्र पटेल ने जोड़ा कि गुजरात ने पोर्ट्स को सड़क मार्ग तथा रेल नेटवर्क से जोड़कर सुदृढ़ कनेक्टिविटी प्रदान की है तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहन दिया है। आज गुजरात के बंदरगाह व्यापार केन्द्रों के साथ-साथ रोजगार, उद्योग तथा विकास के जीवंत केन्द्र बने हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य के मैरीटाइम सेक्टर की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि गुजरात ने देश को पोर्ट लेड डेवलपमेंट का एक अनूठा व सफल मॉडल दिया है। आज गुजरात देश के कुल कारगो का 40 प्रतिशत से अधिक संचालन करता है। देश के एलएनजी-एलपीजी क्षेत्र में भी गुजरात अग्रसर है। दाहेज में स्थित एलएनजी टर्मिनल का देश के कुल एलएनजी-एलपीजी हैंडलिंग में 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। इसके अलावा देश के कुल जहाज रिसाइकलिंग का 98 प्रतिशत गुजरात के अलंग शिप रिसाइकलिंग यार्ड में होता है। उन्होंने कहा कि गुजरात की मैरीटाइम पहचान केवल मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर तक सीमित न रहते हुए राज्य के प्राचीन विरासत, वैभव एवं गौरव का भी अभिन्न हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने डॉकयार्ड लोथल में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री के विजन ‘विकास भी, विरासत भी’ का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने इस बात की भूमिका प्रस्तुत की कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मैरीटाइम अमृतकाल विजन 2047 को साकार करने के लिए गुजरात के मेजर व नॉन-मेजर पोर्ट्स की क्षमता 2047 तक 3 हजार एमएमटीपीए करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि गुजरात ने कोस्टल कम्युनिटी डेवलपमेंट तथा फिशरीज से जुड़ी परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया है। इसी प्रकार; सागरमाला प्रोजेक्ट अंतर्गत पोर्ट मॉडर्नाइजेशन, कनेक्टिविटी तथा स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटी के प्रोजेक्ट्स पर भी तेज गति से कार्य हो रहा है। उन्होंने राज्य के शिप रिसाइकलिंग उद्योग की विशेषता का वर्णन करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े शिप रिसाइकलिंग यार्ड अलंग में स्थित इंस्टीट्यूट द्वारा 40 हजार से अधिक युवाओं का कौशल्यवर्धन भी किया गया है। इसके माध्यम से भविष्य में शिप रिसाइकलिंग सेक्टर में रोजगार तथा सुरक्षा प्रदान किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व की टॉप फाइव शिप बिल्डिंग कंट्रीज में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके अनुरूप गुजरात वर्तमान शिप यार्ड्स की कैपेसिटी बढ़ाकर कम्प्लीट सपोर्टिव पॉलिसी फ्रेमवर्क भी तैयार कर रहा है।

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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad

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