Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में आश्रय निधि से विकास कार्य कराए जाने के संबंध में जल्द जारी होगी गाईड लाईनः प्रहलाद पटेल

मंत्री पटेल ने की ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा

– मंत्री पटेल ने की ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा

इंदौर, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के ग्रामीण विकास तथा पंचायतराज मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तेजी से कॉलोनियां विकसित हो रही है। इन कॉलोनियों में विकास के लिए पंचायतराज अधिनियम के तहत प्राप्त आश्रय निधि की बड़ी भूमिका है। हमारा प्रयास है कि आश्रय निधि का उपयोग उसी पंचायत में हो, जिस पंचायत से वह राशि वसूल की गई है। आश्रय निधि के समुचित उपयोग की भी जरूरत है। इसको देखते हुए राज्य शासन द्वारा विस्तृत गाईड लाईन तैयार की जा रही है, जिसे जल्द जारी किया जाएगा।

मंत्री पटेल शुक्रवार को इंदौर कलेक्टर कार्यालय में आयोजित ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, अतिरिक्त मुख्य सचिव दिपाली रस्तोगी, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, विधायकगण उषा ठाकुर और मधु वर्मा, श्रवण चावड़ा सहित जनपद अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधि तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में मंत्री पटेल ने पंचायतराज अधिनियम के तहत प्राप्त आश्रय निधि की वसूली और उसके उपयोग, ग्रामीण कॉलोनियों के संबंध में कानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन, आजीविका मिशन के तहत प्रस्तावित आजीविका भवन और स्वच्छता संबंधित कार्यों आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आश्रय निधि की वसूली पर विशेष ध्यान दिया जाए। बताया गया कि जिले में अभी लगभग 180 करोड़ रुपये की आश्रय निधि उपलब्ध है। इसमें से जिले में ग्रामीण क्षेत्रों की चारों विधानसभा क्षेत्रों में 20 करोड़ रुपये लागत की 76 विकास कार्यों की मंजूरी दी गई।

मंत्री पटेल ने निर्देश दिए कि राशि का पूरा सदुपयोग किया जाये। आश्रय निधि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों की कॉलोनियों में ड्रेनेज, विद्युतिकरण, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं पर किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारा प्रयास है कि दिसम्बर 2026 तक हर पंचायत में एक-एक मुक्तिधाम अनिवार्य रूप से हो। इस दिशा में तेजी से प्रयास जारी है।

मंत्री पटेल ने इंदौर जिले में स्वच्छता अभियान की समीक्षा की। उन्होंने अभियान के अंतर्गत क्लस्टर वार एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर) बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आजीविका भवन भी क्लस्टर वार सुनियोजित रूप से भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाये जाए। बताया गया कि जिले में कुल 27 आजीविका भवन और मत्स्य परिसर सह शेड निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। इन कार्यों पर लगभग 9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसी तरह जिले में 4 एमआरएफ बनाये गए हैं, इनमें बड़ी मात्रा में सूखे-गीले कचरे का सेग्रीगेशन किया जा रहा है। जिले में 4 और स्थानों पर दो करोड़ रुपये लागत से नये एमआरएफ सेंटर बनाये जाना प्रस्तावित है।

बैठक में जल संसाधन मंत्री सिलावट ने आश्रय निधि के तहत स्वीकृत कार्यों के लिए मंत्री पटेल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आश्रय निधि के उपयोग से ग्रामीण विकास को नयी दिशा मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में विकसित हो रही कॉलोनियों में तेजी से मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा। उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में सूखे-गीले कचरे के सेग्रीगेशन की व्यवस्था की जरूरत भी बताई। मंत्री सिलावट ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में तेजी से गाँवों का विकास हो रहा है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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